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टीके को बुजुर्गों का आशीर्वाद:ज्यादातर केंद्रों पर कोविन-एप नहीं चला, भीड़ बढ़ी तो ऑफलाइन पंजीयन

 

पीसी सेठी अस्पताल में 70 वर्षीय सतीश कुमार जैन पहले हितग्राही रहे, जिन्होंने टीका लगवाया। वे पत्नी उषा व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आए थे।
  • कोई अकेला तो कोई जोड़े से पहुंचा, उत्साह भी ऐसा कि केंद्र पर ली सेल्फी

जिस तरह परिवार में किसी फैसले पर सदस्यों में असमंजस हो तो घर के बुजुर्ग ही राह दिखाते हैं, ठीक वैसे ही टीका लगाने और नहीं लगाने के असमंजस पर सोमवार को बुजुर्गों ने राह दिखाई। पहले चरण में जहां कई हेल्थ वर्कर्स ने कोविड-19 वैक्सीन लगवाने से दूरी बनाई थी, वहीं हमारे बुजुर्गों ने टीकाकरण को उत्सव की तरह लिया और खुशी-खुशी टीका लगवाने पहुंचे। दूसरे चरण में टीका लगवाने 60 साल से अधिक उम्र के 1357 बुजुर्ग और को-मोर्बिड स्थिति वाले लोग पहुंचे। कई दंपती साथ में टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे।

कोविन-एप पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना था, लेकिन सुबह 9.30 बजे तक तकनीकी समस्या के चलते बुजुर्ग रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे थे। पीसी सेठी अस्पताल में तो सुबह 9 बजे से ही बड़ी संख्या में 60 साल से अधिक उम्र के लोग पहुंच गए थे। निजी वाहन नहीं था तो सिटी बस से ही पहुंच गए। हितग्राहियों की संख्या बढ़ने लगी तो ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किए गए। आधे घंटे बाद एप ने ठीक से काम करना शुरू कर दिया।

कई वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि उन्हें टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराने में समस्या आई। अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने पंजीयन कराने में बुजुर्गों की मदद की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया ने बताया कि जिले में एमवायएच समेत तीन सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के खिलाफ निःशुल्क टीकाकरण शुरू किया गया है। सात निजी अस्पतालों में टीका लगवाने के बदले हर व्यक्ति को 250 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।

एक साल बाद घर से टीका लगवाने ही निकले दंपती
वर्मा यूनियन हॉस्पिटल में 9 बजे पहला टीका सुदामा नगर निवासी 82 वर्षीय कमलाशंकर शर्मा और उनकी पत्नी हेमलता शर्मा ने लगवाया। उन्होंने बताया, पिछले साल मार्च में बीमारी की शुरुआत के बाद से ही हम घर से बाहर नहीं निकले। आज बेटे के साथ पूरे एक साल बाद टीका लगवाने ही निकले हैं। अपनी सुरक्षा के साथ बीमारी की रोकथाम के लिए भी ये जरूरी है। पत्नी के साथ टीका लगवाने आए अशोक जायसवाल ने बताया, हमारे देश के वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है इसलिए खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए टीका लगवाया है।

एमवायएच : 64 वर्षीय डॉक्टर ने सबसे पहले लगवाया टीका
सुबह 9 बजे कोविन-एप की लिंक शुरू हुई। सुनील दुबे नाम के व्यक्ति ने पहला रजिस्ट्रेशन करवाया। सुबह 9.30 बजे तक 18 लोगों के रजिस्ट्रेशन हो चुके थे। पेशे से दंत चिकित्सक 64 साल के डॉ. रवि कुमार जैन पहले हितग्राही रहे, जो टीका लगवाने एमवायएच पहुंचे। डॉ. जैन घर से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए, जिसके बाद अस्पताल स्टाफ के सहयोग से रजिस्ट्रेशन करवाया।

टीका लगने के बाद उन्होंने कहा मैं पूरी तरह ठीक महसूस कर रहा हूं। हमें टीकाकरण को लेकर सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और सभी पात्र लोगों को टीका लगवाना चाहिए। रश्मि भगत भी घर से लगातार कोशिश कर रही थीं, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था। काफी देर परेशान हुईं।

लॉकडाउन से बेटी के घर हैं, बूस्टर डोज के बाद ही जाएंगे
81 साल के बलबीर सिंह पाल 79 साल की पत्नी सुरिंदर सिंह पाल के साथ टीका लगवाने मेडिकेयर हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बताया वह जबलपुर के रहने वाले हैं। लॉकडाउन के कारण सालभर से इंदौर में ही बेटी के पास रह रहे हैं। टीके का दूसरा डोज लेने के बाद जबलपुर रवाना होंगे। सुरिंदर पाल ने बताया के कोरोना के कारण उनकी बेटी ने एक भी दिन घर से बाहर नहीं निकलने दिया।

टीका लगने के बाद आराम से कहीं भी आ-जा सकेंगी। उन्हें पूरी उम्मीद है कि टीका लगने से कोरोना से बचाव होगा। हॉस्पिटल के मैनेजर श्याम मूंदड़ा ने बताया 166 लोगों को टीका लगाया। पोर्टल में परेशानी आई तो ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर टीके लगाए गए।


म्र 89, पहला ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया

89 साल के कन्हैयालाल गुप्ता सबसे उम्रदराज हैं, जिन्होंने टीका लगवाया। उत्साह से लबरेज गुप्ता जब अस्पताल पहुंचे तब तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हाे चुके थे। वे पहले शख्स हैं, जिन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया। उन्होंने बताया कि बेटा डॉक्टर है। उसी ने कहा कि टीका लगवाना चाहिए। इसीलिए खुद टीका लगवाने पहुंचा। टीका हर व्यक्ति को लगवाना चाहिए।

पीसी सेठी अस्पताल में मौके पर ही रजिस्ट्रेशन कराते हितग्राही।

सर्वर में परेशानी के चलतेे 10 बजे शुरू हो सका टीकाकरण
भंडारी अस्पताल में भी सुबह साढ़े 8 बजे से टीका लगवाने के लिए बुजुर्ग आना शुरू हो गए। सर्वर की तकनीकी समस्या और ऑनलाइन-ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की गफलत के कारण 10 बजे टीकाकरण शुरू हुआ। सुबह टीका लगवाने पहुंचे बुजुर्ग जगदीश पाल ने बताया, मैंने अस्पताल में आकर रजिस्ट्रेशन करवाया था। शाम तक 212 लोगों को टीके लगाए गए।


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