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विज्ञान हैरान:टेपियर : अमेजन के वर्षा वनों का ‘बागवान’

 

जैव विविधता का खजाना समेटे अमेजन के वर्षा वनों में कार्यरत इकाॅलाजिस्ट लुकास पाओलुक्की, टेपियर (टेपर) नामक जंतु की लीद को एकत्र करने और संभालकर रखने के तरीकों में माहिर होने की कोशिश में लगे हैं। आखिर किसी जंतु की लीद का वे करेंगे क्या? दरअसल, टेपियर की लीद में उन्हें विनाश की ओर अग्रसर और धरती के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन के जंगलों को नवजीवन देने वाला खजाना दिखता है। जंगलों की कटाई, अनियंत्रित पशु चराई, कृषि तथा शहरीकरण के लिए जंगलों को जला देने के कारण अमेजन के जंगल सिमटते जा रहे हैं। हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार अमेजन के जंगलों का एक हिस्सा 2064 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

लुकास को लगता है कि सूअर के जैसे दिखने वाले शाकाहारी टेपियर की बीजों से भरी लीद जंगल को पुनः बसाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। वे टेपियर को 'जंगलों का बागवान' कहते हैं। दरअसल, भोजन की खोज में निकलने वाले टेपियर जंगलों में चरते हुए औसतन 12 मील तक का सफर करते हैं और इस दौरान 300 से भी अधिक प्रजातियों के फलदार वृक्षों, पौधों के फलों और पत्तियों का सेवन करते हैं। इनमें से कुछ फलदार वृक्षों के बीज तो बड़े और कड़े होने के कारण केवल टेपियर ही खा सकते हैं। इन्हीं में से एक वृक्ष ’मेस्स एप्पल ट्री’ है जो काफी विशाल वृक्ष होते हैं और वातावरण में से अत्यधिक कार्बन डायऑक्साइड को सोखते हैं।

लुकास पाओलुक्की का शोध

लुकास पाओलुक्की ने 2016 में अमेजन के पूर्वी क्षेत्र माटो ग्रोसो में उजड़े बंजर क्षेत्र में जंगलों की पुनः बसावट करने के उद्देश्य से अपना शोध प्रारंभ किया था। सबसे पहले उन्होंने जंगलों में कैमरा ट्रेप लगाकर टेपियर के घूमने और लीद करने वाले रास्तों को खोजा तथा टेपियर की संख्या ज्ञात की। सबसे कठिन काम था उनक लीद को खोजकर उसे छानना, जिससे बीजों को अलग किया जा सके। कैमरा ट्रेप की रिकॉर्डिंग से यह भी ज्ञात हुआ कि टेपियर हरे-भरे जंगलों के अलावा काफी समय खुले भागों में घूमते हैं। शायद धूप सेंकने के लिए। परंतु यहीं वे तीन गुना ज्यादा लीद गिराते थे। पाओलुक्की की टीम के वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि लीद में निकलने वाले बीजों में केवल एक प्रतिशत ही खराब होते हैं और शेष बीज प्रायः उगने के लिए बेहतर तैयार हो जाते हैं। लीद के ढेर से बुरलेले नामक कीट छोटे-छोटे लड्डू बनाकर बीजों को बिखेरने का कार्य करते हैं और पानी उनको उगने की शक्ति दे देता है।

महीनों तक जंगलों के जलते रहने के कारण अमेजन का एक बड़ा भूभाग बंजर हो गया है। यहां फिर से जंगल उगाने के खर्चे का अनुमान 6.3 अरब डाॅलर्स लगाया गया है। टेपियर इस कार्य को मुफ्त में कर रहे हैं और वह भी प्राकृतिक तौर पर।

कौन है टेपियर?

टेपियर ब्राजील के वर्षा वनों में पाए जाने वाले आदिम जानवरों में से एक है जो लाखों वर्षों से अपरिवर्तित है। विश्व में टेपियर की चार प्रजातियां पाई जाती हैं। ये आकार और व्यवहार में बहुत कुछ सूअर जैसे दिखते हैं परंतु ये गेंडों के नजदीकी रिश्तेदार हैं। इनका छोटे पैरों वाला गठिला शरीर कुछ इस प्रकार बना है कि ये घनी झाड़ियों के बीच से भी आसानी से निकल सकते हैं। हाथियों के समान ही इनकी नाक और ऊपरी ओंठ जुड़कर छोटी सूंड-सी संरचना बनाते हैं जो फलों को सूंघने के अलावा पत्तियों को जमीन से उठाते समय उंगली की तरह कार्य करती है और तैरते समय पानी की सतह के ऊपर रहकर गोताखोरों द्वारा हवा लेने के पाइप के समान हो जाती है।

- डाॅ. विपुल कीर्ति शर्मा विज्ञान लेखक और शोधकर्ता हैं।

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