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विराट पर पूर्व क्रिकेटर की चुटकी:फारुख इंजीनियर ने कहा- इतनी खूबसूरत पत्नी फिर आप डिप्रेशन में कैसे जा सकते हैं

 

इस क्रिकेट कपल पर पूर्व भारतीय सिलेक्टर सरनदीप सिंह ने भी हाल ही में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि विराट-अनुष्का काफी विनम्र हैं। उनके घर में एक भी नौकर नहीं है। -फाइल फोटो

टीम इंडिया के विकेटकीपर रहे फारुख इंजीनियर ने भारतीय कप्तान विराट कोहली पर मजाकिया अंदाज में कमेंट किया है। एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को हाल ही में दिए इंटरव्यू में 83 साल के इंजीनियर ने कहा, ‘आपकी पत्नी इतनी खूबसूरत है तो आप कैसे डिप्रेशन में जा सकते हैं।’ विराट ने हाल ही में कहा था कि वे 2014 के इंग्लैंड दौरे के समय डिप्रेशन में चले गए थे।

इंजीनियर ने आगे कहा, ‘आप पिता बन चुके हैं। ऐसे में भगवान को शुक्रिया कहने के लिए आपके पास कई वजह हैं। डिप्रेशन पश्चिमी देशों की सोच है। हम सभी भारतीय ऐसी परिस्थिति में रहते हैं, जहां डिप्रेशन से बचा जा सकता है। हमारी मानसिक स्थिति भी बहुत अच्छी है।’

फारुख-अनुष्का में पहले जुबानी जंग हो चुकी
यह पहला मौका नहीं है, जब फारुख इंजीनियर ने विराट और अनुष्का पर कमेंट किया था। 2019 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप के दौरान अनुष्का और इंजीनियर में जुबानी जंग भी हुई थी। तब इंजीनियर ने कहा था कि इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के दौरान सिलेक्टर्स अनुष्का की खातिरदारी में लगे थे, उन्हें चाय परोसते थे।

विराट ने कहा था- हर बल्लेबाज के जीवन में ऐसा वक्त आता है
विराट ने हाल ही में कहा था, ‘इंग्लैंड दौरा (2014) निजी तौर पर मेरे लिए बेहद मुश्किल था। मैं डिप्रेशन में था। मुझे ऐसा लगता था कि मैं रन नहीं बना पाऊंगा। यह बहुत बुरा अहसास था। सभी बल्लेबाजों की जिंदगी में ऐसा एक दौर आता है। तब आपके बस में कुछ नहीं होता। मैं अपने को अकेला महसूस कर रहा था। मुझे लग रहा था कि मुझे कोई समझ पाएगा भी या नहीं। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं आत्मविश्वास खो चुका था।'

कोहली ने उस समय पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 13.50 की औसत से रन बनाए थे। हालांकि, इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए शानदार बल्लेबाजी की थी।

1990 की टीम इंडिया से प्रेरित होकर विराट डिप्रेशन से बाहर आए
कोहली ने बताया था कि डिप्रेशन से निकलने में 1990 की टीम इंडिया ने उनकी काफी मदद की। उन्होंने कहा, 'मैं जब भी 90s की टीम को याद करता हूं, तो मुझे समझ में आता है कि क्या करना चाहिए। मैंने टीम इंडिया को कई मैच जीतते हुए देखा। फिर मुझे यकीन हुआ कि खुद पर विश्वास करने से जादुई चीजें भी होती हैं। अगर कोई शख्स ठान ले, तो वह उसे बदल सकता है। यहीं से मुझे आगे बढ़ने का रास्ता दिखा। देश के लिए खेलने का जुनून यहीं से बढ़ा।'

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