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रैली के बजाय जत्थों में आए किसान, नेताओं ने मंडी में बेचा कोरोना


किसानों के समर्थन में छावनी मंडी में जुटे कांग्रेस नेताओं ने सोशल डिस्टेंस तो तोड़ा ही, ज्यादातर नेता-कार्यकर्ताओं ने मास्क भी नहीं लगा रखा था

भारत बंद के मौके पर तेजाजीनगर से निकलने वाली किसान रैली पूरे स्वरूप में नहीं निकल पाई। धारा 144 के बाद रैली को तेजाजीनगर से आगे नहींं बढ़ने दिया। इसके बाद किसान संगठनों ने अलग-अलग जत्थे बनाए, जिन्हें राजबाड़ा पर एकत्र होना था। हालांकि ऐसा नहीं हो सका।


राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के मीडिया प्रवक्ता आशीष भैरम ने बताया अलग-अलग 15 जत्थों में रैली रवाना हुई। सभी को राजबाड़ा एकत्र होना था। हालांकि पुलिस की रोक के बाद एक ही जत्था पहुंचा, जिसमें 20-25 किसान थे। वे रीगल होते हुए तेजाजीनगर पहुंचे। बाकी अलग-अलग जत्थों में रवाना हुए लोगों ने व्यापारियों से शांतिपूर्वक किसानों के समर्थन में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने का आग्रह किया। हालांकि बाजार पूरी तरह खुले रहे। आवागमन भी जारी रहा।


जिला-शहर कांग्रेस के थे अलग-अलग आयोजन, गुटों में न दिखे पार्टी, इसलिए एक जगह ही जुटे
जिला कांग्रेस ने पहले चोइथराम मंडी में धरना तय कर दिया था। दूसरा प्रदर्शन शहर में होने वाला था। कांग्रेस नेताओं ने भोपाल फोन लगाए। आखिर में भोपाल से चंद्रप्रभाष शेखर ने फोन किया कि धरना एक ही हो ताकि कांग्रेस गुटों में बंटी हुई न दिखे। आखिर में छावनी मंडी में धरना तय किया गया। सुबह 10.30 बजे पूर्व मुख्यमंंत्री दिग्विजयसिंह पहुंचे।


सिंह ने कृषि कानून वापस लेने की मांग की। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव के नेतृत्व में हुए धरने को विधायक विशाल पटेल, पूर्व विधायक अश्विन जोशी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। राजेश चौकसे, अरविंद बागड़ी, पिंटू जोशी, अमन बजाज, गिरधर नागर, शरद सिसौदिया, शैलेष गर्ग आदि कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे।


आम आदमी पार्टी ने किया पैदल मार्च, गांधीजी के चरणों में दिया ज्ञापन
कृषि कानूनों के विरोध एवं भारत बंद के समर्थन में आम आदमी पार्टी की इंदौर इकाई ने राजबाड़ा से रीगल तक पैदल मार्च किया। सभी दुकानदारों से बंद का आग्रह किया। जिला सचिव मनोज यादव के नेतृत्व में लोगों को केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के बारे में बताया। रीगल चौराहे पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष ज्ञापन रखा और सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की।


केंद्र सरकार अडानी-अंबानी को मजबूत करने आई : पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने कहा केंद्र सरकार अडानी-अंबानी को मजबूत करने के लिए कृषि कानून लेकर आई है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा किसानों के समर्थन में कांग्रेस और देश साथ खड़ा है। कृषि बिल को लेकर किसानों का विरोध जायज है।


प्रधानमंत्री जिद छोड़ें, बिल वापस लें : दिग्विजय सिंह
कृषि कानून किसान विरोधी है, किसान परेशान हैं। इनकी (केंद्र सरकार) की योजना है कि सरकारी दुकान से अनाज बंटना बंद हो। ये पूरा विदेशी षड्यंत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जिद छोड़ें और बिल वापस लें। उन्होंने कहा पेट्रोल-डीजल के भाव रोज बढ़ रहे हैं। जब यूपीए की सरकार थी और तब एक दिन पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ जाते थे तो ये लोग सड़क पर आ जाते थे।


किसान समझ जिससे बात की वो निकला कांग्रेस कार्यकर्ता
दिग्विजय सिंह ने माइक थामा और एक व्यक्ति से किसान कानून पर प्रतिक्रिया मांगी। बाद में पता चला वह युवक राजकुमार सोनगरा था, जो कांग्रेस कार्यकर्ता है। वहीं, सिंह ने महिला मजदूरों से बात की, उनकी परेशानी पूछी। एक महिला ने कहा नए कानून से मंडी खत्म हो जाएगी। हम बेरोजगार हो जाएंगे।


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