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लीडरशिप:अच्छे लीडर्स टीम को दोष नहीं देते, अच्छे उदाहरण प्रस्तुत करते हैं


नडेला के अनुसार भावनात्मक रूप से मजबूत लीडरशिप के लिए यह चार बातें बहुत मायने रखती हैं...


1. 'मैं जानता हूं' नहीं 'मैं सीखना चाहता हूं'


दो तरह के लोग होते हैं। एक जो सक्षम होते हैं, जानकार होते हैं और यह मानते हैं कि अब उन्हें सीखने की जरूरत नहीं है, वे सब जानते है। दूसरे वे जो कम जानते हैं, सक्षम नहीं होते, लेकिन खुद पर लगातार काम करते हैं, सीखना बंद नहीं करते, लगातार कोशिश और मेहनत से खुद को सुधारते हैं। जब हम ये समझते हैं कि हमें सब आता है, हम एक्सपर्ट हैं, गुरू हैं तो हमारे साथ जो बेहद मजेदार बात होती है, वो ये कि हम सीखना बंद कर देते हैं। हम मानने लगते हैं कि बस इससे ज्यादा और बेहतर हम दे ही नहीं सकते, यही हमारा सर्वश्रेष्ठ है। ज्ञान अर्जित करने की हमारी बेचैनी अचानक खत्म हो जाती है। जब हम आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं तो हम सीखना बंद नहीं करते, कुछ नया करने से डरते नहीं हैं, गलतियां करने से घबराते नहीं हैं, गलतियों को अवसर की तरह देखते हैं। बस यही बात हमें प्रतिस्पर्धा में फायदा देती है।


2. भ्रांति नहीं स्पष्टता


लीडर चाहे जितना स्मार्ट हो पर यदि स्पष्ट नहीं है, भ्रांतियां पैदा करता है, तो वह एक अच्छा लीडर नहीं है। अच्छा लीडर वह है जो अनिश्चित और अस्पष्ट परिस्थितियों से टीम को बाहर निकाल लाता है, चीजें बेहद स्पष्ट कर देता है। जब आप एक टीम को लीड करें तो खुद से सवाल करें कि जब मेरी टीम मीटिंग के लिए आती है तो क्या हर सदस्य को मीटिंग की वजह मालूम है, या वे आखिर तक यही सोचते रहते हैं कि मीटिंग हुई क्यों थी। जब मैं किसी प्रोजेक्ट के लिए काम देता हूं तो क्या हर सदस्य को उस कार्य का महत्व समझ में आता है, या वे काम से हैरान होकर उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते। जब समस्याएं आती हैं तो क्या टीम एकजुट होकर हल निकालने पर विचार करती है या बार-बार वही समस्याएं काम में बाधा बन जाती हैं। इनमें से यदि थोड़ी-बहुत चीजें भी आपको जानी-पहचानी लग रही हैं तो टीम के साथ ज्यादा स्पष्ट होने पर फोकस करें। ऐसा करेंगे तभी एकसाथ काम कर पाएंगे, वरना साथ होते हुए भी अलग-अलग काम करेंगे।


3. ऊर्जा का मतलब केवल सतही उत्साह नहीं


एक लीडर ही अपनी टीम में ऊर्जा भर सकता है। ऊर्जा का मतलब केवल सतही उत्साह नहीं, यह उससे कहीं ज्यादा है। केवल यह कहना कि 'मेरी टीम बहुत महान है...मैं अपनी टीम से बहुत खुश हूं, मैं टीम से बहुत बेहतरीन काम लेता हूं, हम बेहद ऊर्जावान हैं', काफी नहीं होगा। ऊर्जा का मतलब है तमाम लोगों को एकसाथ लाकर उनसे काम करवाना। सर्वश्रेष्ठ लीडरशिप वही है, जो पूरी टीम को एक कर सब में तालमेल बैठाए। हो सकता है आपकी टीम में सभी उच्च स्तर के लोग हों, लेकिन यदि वे साथ मिलकर अच्छा काम नहीं कर पाते तो ऐसी टीम का कोई फायदा नहीं। ऐसी टीम को लक्ष्य तक पहुंचने में बहुत वक्त लगेगा और उनके प्रोडक्ट्स भी कमजोर होंगे। दूसरी तरफ बेहतरीन तालमेल की वजह से कम टैलेंटेड टीम कम समय में भी महान लक्ष्य हासिल कर सकती है।


4. बहाने नहीं स्वैच्छिक कार्य


अच्छे लीडर्स परफॉर्म करने के लिए सही मौसम का इंतजार नहीं करते। वे स्वैच्छिक रूप से कार्य करते हैं। सच्चे लीडर्स टीम को दोष नहीं देते, वे शीशे में देखकर आंकलन करते हैं कि वे खुद कितना काम कर रहे हैं। अगर लीडर सही उदाहरण पेश करेगा, तो टीम भी वैसा ही करेगी।


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