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कोरोना काल में इस सत्र में अब तक स्कूल नहीं खुले। ऐसे में 5वीं व 8वीं का बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा पैटर्न,बच्चों को मिलेगा जनरल प्रमोशन


कोरोना काल में इस सत्र में अब तक स्कूल नहीं खुले। ऐसे में 5वीं व 8वीं का बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा कराना संभव नहीं है। इस साल भी बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले साल फिर से 5वीं व 8वीं में बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय लिया था। कुछ विषयों की परीक्षा हुई, लेकिन लॉकडाउन के कारण शेष विषयों की परीक्षाएं निरस्त कर उन विषयों में बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया गया। अब ऐसे में इस बार ना तो स्कूल खुल पाए हैं और ना ही परीक्षा की कोई तैयारी हो पाई है। इस संबंध में विभाग की अभी तक कोई तैयारी भी नहीं है।

पिछले साल अब तक ब्लू प्रिंट भी अपलोड कर दिए गए थे और माड्यूल प्रश्नपत्र भी तैयार कर लिए गए थे। हालांकि बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा कराने के पीछे विभाग की मंशा यह थी कि विद्यार्थी सही तरीके से पढ़ाई किए बिना उच्च कक्षाओं में न पहुंचे। ऐसा होने पर 10वीं बोर्ड का रिजल्ट बिगड़ता है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक स्कूल खुल नहीं पाए, ऐसे में परीक्षा कराना संभव नहीं है।






निजी स्कूलों में लागू नहीं हो पाया था बोर्ड पैटर्न

पिछले साल भी मप्र बोर्ड के निजी स्कूलों में बोर्ड पैटर्न को विभाग लागू नहीं कर पाया था। निजी स्कूलों के बच्चों का परीक्षा फॉर्म भी नहीं भराया था। इस साल से निजी स्कूलों में विभाग ने बोर्ड पैटर्न लागू करने की बात कही थी, जो इस बार भी संभव नहीं है।






2009 में बंद हुई थी बोर्ड परीक्षा

विभाग ने बच्चों पर परीक्षा के बढ़ते मानसिक दबाव को देखते हुए 2009 में 5वीं व 8वीं की कक्षाओं को बोर्ड से अलग कर दिया था। इसके बाद इन कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को औसत अंक देकर पास कर दिया जाता था। पिछले साल फिर से बोर्ड पैटर्न लागू किया गया। विभाग ने यह नियम बनाया था कि अगर किसी भी बच्चे का 33 फीसद से कम अंक आएंगे तो उसे फेल माना जाएगा और वह दो माह बाद दोबारा परीक्षा देकर पास होकर अगली कक्षा में जा सकता था। इस दौरान उसकी अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जातीं, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया।

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