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कलेक्टोरेट में अब अधिकारियों को सभी लंबित राजस्व मामले 31 दिसंबर तक खत्म करने का लक्ष्य


सांकेतिक फोटो



  • मिशन क्लीन में 31 दिसंबर तक सभी मामले निपटाने का लक्ष्य



दलाल मुक्त करने के बाद कलेक्टोरेट में अब अधिकारियों को सभी लंबित राजस्व मामले 31 दिसंबर तक खत्म करने का लक्ष्य दिया गया है। एसडीओ कोर्ट में करीब ढाई हजार मामले तो तहसीलदार और नायब तहसीलदार कोर्ट में दस हजार मामले अभी निराकरण के लिए लंबित हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने राजस्व कामों की लगातार मॉनिटरिंग का जिम्मा अपर कलेक्टर व आईएएस मयंक अग्रवाल को सौंप दिया है, जो हर दिन निराकृत होने वाले मामलों पर नजर रख रहे हैं।


वहीं सभी अपर कलेक्टरों को हर सप्ताह उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले राजस्व कोर्ट की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। सभी कोर्ट के पीठासीन अधिकारियों को ये भी आदेश हो चुके हैं कि 31 दिसंबर तक जो भी मामले निराकृत करें, उसके सभी रिकॉर्ड पांच दिन के भीतर आवेदक को उन्हें ही अपने रीडर के माध्यम से उपलब्ध कराना है। वे फरियादियों को आरआई और पटवारियों के पास नहीं भेजेंगे।


वहीं लोक सेवा गारंटी के तहत राजस्व के सभी 30 से ज्यादा मामलों के लिए कलेक्टोरेट में राजस्व सुविधा केंद्र स्थापित हो गया है, जहां आवेदन की प्रक्रिया और इसमें लगने वाले दस्तावेज और मामले को हल करने के लिए अधिकारी के लिए तय अधिकतम दिन सभी की जानकारी विस्तार से लिख दी गई है। सभी अधिकारियों को स्पष्ट लिखित आदेश दिए गए हैं कि वे सभी आवेदकों के साथ सहयोगात्मक व अच्छा व्यवहार करेंगे। कोई दलाल कलेक्टोरेट में घूमते या किसी अधिकारी के पास नहीं मिलेगा।


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