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इनोवेशन:शहर के छात्र ने बनाया ऐसा डिवाइस, जो मोबाइल के पोर्ट से जोड़ने पर दिव्यांगों को रास्ता दिखाएगा, संदेशों को पढ़ाएगा


आईआईटी मद्रास के छात्रों द्वारा तैयार किया स्मार्ट डिवाइस क्यूब



  • आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे शिवम ने साथियों के साथ मिलकर किया तैयार



आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे शहर के शिवम माहेश्वरी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो दृष्टिहीनों को बगैर छड़ी के चलने में सक्षम बनाएगा। क्यूब नाम का यह छोटा सा डिवाइस मोबाइल के पोर्ट से जोड़ने पर न सिर्फ उन्हें रास्ता बताएगा, बल्कि रास्ते में लिखे संदेशों को ब्रेल में परिवर्तित भी करेगा, जिसे वे आसानी से पढ़ सकेंगे।


मोबाइल में एसएमएस सहित अन्य चीजें लिखने में भी ये उनकी मदद करेगा। छात्रों के इस उपकरण ने हाल ही में जेम्स डायसन अवॉर्ड में देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। शिवम के अनुसार, दृष्टिहीनों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर चलना, पढ़ना और लिखना सबसे मुश्किल काम है। इसके लिए उन्हें ब्लाइंड स्टिक और ब्रेल लिपि का सहारा लेना पड़ता है।


इसके बाद भी सड़कों पर लिखे मैसेज, साइन बोर्ड और नोटिस वे नहीं पढ़ सकते, क्योंकि वे ब्रेल में नहीं होते। अमूमन हर दृष्टिहीन मोबाइल का उपयोग करता है, इसलिए हम ऐसा उपकरण बनाना चाहते थे, जो मोबाइल की मदद से इन तीनों ही कामों को दृष्टिहीनों के लिए आसान बना दे। क्यूब इसमें पूरी तरह सक्षम है। चार लोगों की टीम ने सालभर में इसे तैयार किया है।


शिवम के अलावा इमसें सुंदर रमन पी, आदिल मोहम्मद और एंड्रिया एलिजाबेथ शामिल हैं। शिवम ने बताया, क्यूब एक छोटा सा डिवाइस है जो मोबाइल के चार्जिंग पॉइंट में जुड़ जाता है। इसमें एक कैमरा और ब्रेल पेड है। डिवाइस, मोबाइल से इस तरह जुड़ा होता है कि कैमरे को किसी भी दिशा में किसी भी कोण पर मोड़ा जा सकता है।


मोबाइल और क्यूब कैमरे की मदद से चलने के दौरान आने वाली अड़चनों की जानकारी उपयोगकर्ता को मोबाइल वाइब्रेशन और ब्रेल पेड पर उभरे संदेशों के जरिए मिलती है। लिखी हुई किसी भी चीज पर क्यूब का कैमरा फोकस करने से डिवाइस उसे ब्रेल में बदल देता है। वही संदेश डिवाइस के ब्रेल पेड पर उभर आता है जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है। इसी ब्रेल पेड से एसएमएस के साथ ही कुछ भी चीज लिखकर भेज सकते हैं।


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