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सुहागिनों का सबसे बड़ा और महापर्व करवा चौथ चार नवंबर बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग


 सुहागिनों का सबसे बड़ा और महापर्व करवा चौथ चार नवंबर बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग अमृत एवं शिवयोग में मनाया जाएगा। ब्रह्म शक्ति ज्योतिष संस्थान के पंडित जगदीश शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चतुर्थी गणेश जी की तिथि है। दिन बुधवार होने के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग,अमृत योग भी रहेगा।


यह संयोग महिलाओं की मनोकामना पूरी करने में शुभ होगा। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए यह व्रत करेंगी। वहीं मनपसन्द वर पाने के लिए कुंवारी युवती अभी निर्जला व्रत रखेगी। विधि-विधान से माता पार्वती व भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाएगी। करवा चौथ की कथा सुनेंगी। फिर रात को चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद व्रत खोलेंगी।


करवा चौथ पर चंद्रोदय रात 8:24 बजे होगा। पहली बार करवा चौथ व्रत करने वाली नवविवाहिता में विशेष उत्साह बना हुआ है। वह घर की बुजुर्ग महिलाओं मां सास ननद आदि से घर की परंपरा अनुसार इस व्रत को करने का विधि-विधान समझ रही हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करेंगी। इसके लिए अभी से महिलाओं में बाजारों में जरूरी सामान की खरीदारी शुरू कर दी है।शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए।







यह रहेगा पूजा का मुहुर्त


करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5:29 से 6:48 बजे तक है। चतुर्थी तिथि चार नवंबर को दोपहर 3:24 बजे से प्रारंभ होकर पांच नवंबर को शाम 5:14 समाप्त होगी।


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