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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमालच प्रदेश में अटल टनल रोहतांग को देश को समर्पित करेंगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मनाली में समुद्र तल से करीब दस हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी विश्व की सबसे लंबी 9.02 किलोमीटर की अटल टनल रोहतांग  को देश को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह 9 बजे मनाली के सासे हेलीपैड पर पहुंचेंगे। वे सुबह 10 बजे अटल टनल रोहतांग का शुभारंभ करेंगे।


इससे छह माह तक बर्फ की कैद में रहने वाले जनजातीय जिले लाहुल-स्पीति के लोगों की राह रोहतांग दर्रा नहीं रोक सकेगा। चीन सीमा तक सैन्य वाहन व रसद पहुंचाना भी आसान होगा। प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन के बाद विशेष वाहन से सुरंग को निहारेंगे। इसके अंदर बनी आपातकालीन सुरंगों का भी जायजा लेंगे। पीर पंजाल की पहाड़ियों में बनी यह सुरंग लाहुल घाटी समेत चंबा जिले की किलाड़ व पांगी घाटी में विकास की नई गाथा लिखेगी। सुरंग भारतीय सेना को मजबूती देगी। सैन्य वाहनों को सीमा तक पहुंचने में कम समय लगेगा।


चार घंटे का सफर 45 मिनट में :


सुरंग बन जाने से मनाली की लेह से 46 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी। बड़े वाहन चार घंटे के बजाय मात्र 45 मिनट में कोकसर पहुंच सकेंगे।


800 करोड़ बचाए :


सुरंग निर्माण पर करीब चार हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, लेकिन यह 3200 करोड़ रुपये में तैयार की गई है। शुरुआती चरण में लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई थी। सुरंग के ठीक ऊपर स्थित सेरी नाला से पानी के रिसाव के कारण निर्माण में लगभग पांच साल की देरी हुई।


अटलजी ने की थी घोषणा, सोनिया ने रखी थी आधारशिला :


सुरंग के निर्माण की घोषणा अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन जून 2000 को की थी। 26 मई 2002 को उन्होंने सुरंग के साउथ पोर्टल तक बनने वाली सड़क की आधारशिला भी रखी थी। जून 2010 में सोनिया गांधी ने सुरंग की आधारशिला रखी थी।


यह भी जानें :


-25 दिसंबर 2019 को इसका नाम अटल टनल रोहतांग रखा गया।


-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरंग से गुजर सकेंगे वाहन।


-3000 वाहन प्रतिदिन दिन हो सकेंगे आर-पार।


-दो किलोमीटर के बाद वाहन मोड़ने की सुविधा।


-500 मीटर की दूरी पर इमरजेंसी निकास द्वार।


-एक किलोमीटर के बाद लगेगा ट्रैफिक इंटेंसिटी डिटेक्शन सिस्टम।


-हिमस्खलन से बचने के लिए स्नो गैलरी का निर्माण।


ये होंगे लाभ :


-चीन सीमा तक आसानी से पहुंच सकेंगे सैन्य वाहन व रसद।



 

-46 किलोमीटर कम होगी मनाली से लेह की दूरी।


-25 रुपये में सिस्सू से मनाली पहुंचेंगी आलू की बोरी, पहले 70 रुपये लगता था भाड़ा।


-एक दिन में ऊना से तांदी पहुंचेंगे रसोई गैस सिलेंडर, पहले लगते थे दो दिन।


-लाहुल के किसान मंडियों तक पहुंचा सकेंगे सब्जियां, पहले रोहतांग दर्रा पर बर्फबारी के चलते सड़ती थीं खेतों में।


राजनाथ ने नहीं किया पुलों का उद्घाटन :




मनाली-लेह मार्ग पर बने तीन पुलों का शुक्रवार को उद्घाटन करने का कार्यक्रम था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पलचान और चंद्रा पुल तक गए भी, लेकिन दारचा पुल अधिक दूर होने के कारण लौट आए। बाद में उन्होंने कहा कि मान लिया जाएगा कि अटल टनल के साथ ही तीनों पुलों का उद्घाटन हो गया है।





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