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इंदौर। शहर में कोरोना के खिलाफ जंग में आंकड़े अब सफलता को बयां कर रहे


इंदौर। शहर में कोरोना के खिलाफ जंग में आंकड़े अब सफलता को बयां कर रहे हैं। इसके बावजूद विदेश के अनुभवों के आधार पर कुछ विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर भी आ सकती है। इसके लिए भी शहर में पुख्ता प्रबंधों को लेकर स्वास्थ्य विभाग आश्वस्त है। शहर में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 4 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें से 50 फीसद से अधिक अभी खाली हैं। शहर में 3340 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें से दो हजार से अधिक मरीज घरों में रहकर ही कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। विशेषज्ञों को इस बात की चिंता जरूर है कि कोरोना के साथ यदि स्वाइन फ्लू का प्रकोप हुआ तो कठिनाई बढ़ सकती है। हर्ड इम्युनिटी से भी चिकित्सकों को सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद है।


उम्मीद की जा रही है कि दूसरी लहर पहली जितनी गंभीर नहीं होगी। कोरोना को लेकर इस वक्त कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है। ठंड के मौसम में स्वाइन फ्लू का हमला होता है। अगर स्वाइन फ्लू और कोरोना मिलकर हमला करेंगे तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। हमें कम से कम जनवरी तक सावधानी बरतनी होगी। -डॉ. सलिल भार्गव, विभागाध्यक्ष, श्वसन तंत्र, एमजीएम मेडिकल कॉलेज







सुरक्षा बरतनी होगी


पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर की तीव्रता कम होने की संभावना तो है लेकिन सावधानी बहुत जरूरी है। फ्रांस, इटली में आई दूसरी लहर में मौतों की संख्या पहले के मुकाबले ज्यादा रही है। ठंड का मौसम भी सामने है। ऐसे में सावधानी जरूरी है। -डॉ. रवि डोसी, छाती रोग विशेषज्ञ, अरबिंदो मेडिकल कॉलेज


समय के साथ वायरस का प्रकोप स्वतः कम हो जाता है। कोरोना के आक्रमण को आठ महीने से अधिक समय हो चुका है। ऐसी स्थिति में कई बार लोगों में स्वतः रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। इसका फायदा यह है कि यदि दूसरी लहर आई भी तो इसका प्रकोप कम ही रहेगा। -डॉ. अनीता मूथा, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एमजीएम मेडिकल कॉलेज







जरूरी हैं ये सावधानियां


- रोज मिलने वाले कोरोना के मरीजों की संख्या भले ही कम हो गई लेकिन इसका खतरा अभी कम नहीं हुआ है।


- सावधानी बरतना जरूरी है। घर से बाहर अनिवार्य रूप से मास्क पहनें। थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ साबुन से धोते रहें।


- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।


- बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।


- शारीरिक दूरी के नियम का अनिवार्य रूप से पालन करें।



 

- 39 लाख है इंदौर जिले की आबादी


- 5 अस्पतालों में थी शुरुआत में इलाज की व्यवस्था


- 40 से ज्यादा अस्पतालों में अब हो रहा है कोरोना मरीजों का इलाज


- 40 सैंपल रोज जांचने की थी प्रारंभ में व्यवस्था


- 5 हजार से ज्यादा सैंपल रोज जांचे जा सकते हैं अब


- 4210 बिस्तरों की व्यवस्था है शहर में कोरोना मरीजों के लिए


- 2200 से ज्यादा बिस्तर खाली पड़े हैं वर्तमान में



- 2000 से ज्यादा मरीज हैं होम आइसोलेशन में


- 3340 मरीजों वर्तमान में उपचाररत हैं


- 382560 लाख के लगभग सैंपल जांचे जा चुके हैं अब तक


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