Header Ads Widget

Responsive Advertisement

इंदौर नगर निगम के योद्धाओं ने मसूरी की आइएएस एकेडमी में वेस्ट पेपर से बना दिया लाल बहादुर शास्त्री का पोट्रेट


 इंदौर नगर निगम के योद्धाओं ने इंदौर से मसूरी जाकर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशिक्षु आइएएस अफसरों को सफाई का पाठ पढ़ाया। इसके अलावा उन्होंने मसूरी की एकेडमी में 70 पुराने अखबार, 25 मैगजीन व टिश्यू पेपर का उपयोग कर वहां के लाउंज में लाल बहादुर शास्त्री का पोट्रेट तैयार किया। जिस तरह इंदौर में थ्री आर के प्रयोग के तहत वेस्ट की चीजों से बेकलेन व गार्डन सजाया है। उसी तरह एकेडमी के ओपन टर्फ कैफे में पुराने टायर, लकड़ी के ठूठ, किचन से निकले पुराने बर्तन, गत्ते का बॉक्स का इस्तेमाल कर कैफे में एक कार्नर, कोलॉज, प्लांटर व सजावटी चीजें तैयार कर दीं।


आईएएस एकेडमी के आग्रह पर इंदौर निगम केओर से हयुमन मेट्रिक्स एनजीओ के संचालक कैप्टन सनप्रीत सिंह और उनकी टीम के छह लोग मसूरी गए थे। उन्होंने वहां प्रशिक्षु आईएएस को वेस्ट टू आर्ट के बारे में वर्कशॉप में बताया। कैप्टन सनप्रीत सिंह के मुताबिक एकेडमी में प्रशिक्षु आइएएस भविष्य में अन्य शहरों में अधिकारी के रूप में काम करेंगे। ऐसे में हमने उन्हें बताया कि उन्हें कचरे को देखने को नजरिया बदलना होगा। कचरे से कमाई की जा सकती है और सजावट भी की जा सकती है। हमने उन्हें इंदौर में थ्री आर पर किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया है। वे अपने सुबह 9 से 5 की ड्यूटी के अलावा किस तरह जन जागरुकता फैला सकते है। इसे अलावा पॉलिटिक विल को अपने फेवर में करके टीम तैयार कर माइक्रो लेवल पर काम कर सकते हैं।







 

कचरे से खाद बनाने व कमाई का तरीका बताया


कैप्टन सनप्रीत के मुताबिक एकेडमी के डायरेक्टर हरीश चोपड़ा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने परिसर में प्लास्टिक की बोतलों को बंद किया है। हमने उन्हें परिसर को जीरो वेस्ट परिसर बनाने की सलाह दी और डिस्पोजेबल का उपयोग कम से कम करने को कहा। अभी एकेडमी में निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए वो प्रायवेट एजेंसी को पैसे देते हैं। हमने उन्हें बताया कि किस तरह वे परिसर में गीले कचरे से खाद बना सकते हैं और सूखे कचरे को कबाड़ियों को बेचकर कमाई कर सकते हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ