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भाजपा में सिंधिया का बदला हुआ रूप सभी को चौंका रहा है


फाइल फोटो 


केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के बीच मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में आमने सामने भिड़ंत रही है. साल 2010 के चुनावों में तो उनके बीच भारी जद्दोजहद हुई थी. सिंधिया उस वक्त केंद्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री थे तो कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश की भाजपा सरकार में इसी विभाग के काबीना मंत्री का ओहदा संभाल रहे थे. भारी खींचतान के बीच हुए इन चुनावों में सिंधिया ने एमपीसीए अध्यक्ष पद पर विजयवर्गीय को 70 वोटों से हराया था.

उस वक्त कैलाश विजयवर्गीय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का छोटा नेता बताया था, लेकिन वो चुनाव सिंधिया के लिए एक शक्ति प्रदर्शन भी था. अब सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने से कई सियासी समीकरण बदल गए हैं.

हाथ मिलेंगे, लेकिन दिल नहीं- कांग्रेस
अपने पहले इंदौर दौरे के दौरान वो कैलाश विजयवर्गीय के घर जा रहे हैं जहां दोनों नेता बैठकर अपने पुराने गिले शिकवे दूर करेंगे,लेकिन कांग्रेस इस मुलाकात को महज औपचारिकता बता रही है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला का कहना है कि एमपीसीए की खाई को पाटने के लिए सिंधिया जरूर कैलाश विजयवर्गीय के घर जा रहे हैं लेकिन ये खाई पटने वाली नहीं हैं क्योकि रमेश मेंदौला के मंत्री ना बनाए जाने के पीछे सिंधिया का हस्तक्षेप भी माना जा रहा है ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय गुट का सिंधिया को मन से स्वीकार कर पाना मुश्किल है जिसका असर उपचुनाव पर भी दिखेगा.
सिंधिया के स्वागत के लिए बेताब हैं आकाश  


कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और स्थानीय बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय दावा कर रहे हैं कि दोनों दिग्गज नेताओं के बीच निजी मनमुटाव कभी नहीं रहा. आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि मेरे पिता और सिंधिया में निजी तौर पर मनमुटाव कभी नहीं रहा. उनके बीच के निजी संबंध हमेशा बडे़ अच्छे रहे हैं,उन्होंने कहा कि जब सिंधिया कांग्रेस में थे. तब वो और मेरे पिता राजनीतिक विचारधारा में अंतर के कारण आमने-सामने नजर आते थे, लेकिन सिंधिया के बीजेपी में आने के साथ ही ये अंतर पूरी तरह खत्म हो गया है. दोनों नेताओं के बीच बहुत अच्छी मित्रता है. बीजेपी के 35 साल के युवा विधायक ने कहा कि सिंधिया का अपने आप में एक क्रेज है मेरे परिजन और मेरे घर के आस-पास रहने वाले लोग उनके स्वागत के लिये उत्सुक हैं.

सांवेर चुनाव पर नजर
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इंदौर आ रहे हैं और वे बीजेपी के दिग्गज नेताओं के घर भी पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी नजर सांवेर उपचुनाव पर है. जहां से उनके सबसे खास माने जाने वाले जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में सिंधिया की मजबूरी है कि वे ताई और भाई दोनों गुटों को साधकर चलें यही वजह है कि वो दोनों नेताओं के घर पर जा रहे हैं. हालांकि सांवेर के प्रभारी रमेश मेंदौला के घर पर जाने का भी उनका कार्यक्रम था लेकिन ऐनवक्त पर उसे अब कैंसिल कर दिया गया है.


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