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कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में इंदौर के चार प्लांट ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है


इंदौर देश के सबसे साफ शहर की आबोहवा को भी उतना ही स्वच्छ बनाने की दिशा में इंदौर के नाम नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। शहर ने कंपोस्ट और बायोमिथनाइजेशन प्लांट लगाकर 20 माह में 1.70 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में घुलने से रोकी है। सोलर प्लांट लगने के बाद करीब 3.50 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में घुलने से रोकी जा सकेगी। स्पेन की अधिकृत ऑडिटर कंपनी एप्पलुएस की स्टडी रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्बन क्रेडिट जारी करने के लिए अधिकृत अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था वॉल्यूंट्री कार्बन स्टैंडर्ड (वीसीएस) ने मंजूरी के बाद इसे रजिस्टर्ड कर लिया है। इसके आधार पर इंदौर नगर निगम भविष्य में कार्बन क्रेडिट का दावा पेश कर सकेगा।


कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में इंदौर के चार प्लांट ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित कंपोस्ट प्लांट, चोइथराम, रीजनल पार्क और कबीटखेड़ी स्थित बायोमिथनाइजेशन प्लांट शामिल हैं। इन सभी जगह कचरा प्रोसेस कर खाद या बायो सीएनजी गैस बनाई जा रही है। इससे कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कितना कम हुआ है, इसके लिए अक्टूबर-17 से जून-19 तक ऑडिट कराया गया तो पाया कि 1.70 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड कम घुली है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार जितना कम कार्बन घुलेगा, कार्बन क्रेडिट घुलने का रास्ता उतना ही साफ हो जाएगा। क्रेडिट बेचकर शहर कमाई कर सकेगा


गीले कचरे में 24 गुना ज्यादा होते हैं कार्बन कंपोनेंट


नगर निगम द्वारा इस काम के लिए नियुक्त कंसल्टिंग कंपनी ईकेआई एनर्जी सर्विसेस लि. के डायरेक्टर नवीन शर्मा ने बताया कि गीले कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस में सामान्य से 24 गुना ज्यादा कार्बन कंपोनेंट होते हैं जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। इंदौर में प्लांट लगने से जो प्रदूषण फैल रहा था, वह कम हुआ। अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से इसकी गणना के बाद शहर को कार्बन क्रेडिट मिल सकते हैं। ईकेआई ने आठ महीने पहले इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था जिसकी रिपोर्ट स्पेन की एप्पलुएस ने यूएस की वीसीएस संस्था को सबमिट कर दी है। ईकेआई से थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया है जिसने माना है कि इंदौर ने 2017 से 2019 तक 1.70 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड को वातावरण में घुलने से रोका है


ट्रेडिंग की मंजूरी मिली तो इंदौर सालाना एक से दो करोड़ रुपए तक कमा सकता है। हालांकि यह राशि परिस्थितियों के अनुरूप कम-ज्यादा भी हो सकती है। जो शहर या देश वातावरण में ज्यादा कार्बनडाईऑक्साइड छोड़ रहे हैं, वे कार्बन क्रेडिट खरीदकर इस दिशा में काम करने वालों को प्रोत्साहन देते हैं। शर्मा ने बताया कि इस मैकेनिज्म के तहत देश का ऐसा कोई प्रोजेक्ट अब तक रजिस्टर्ड नहीं हुआ है। जब निगम सभी सोलर प्लांट स्थापित कर लेगा तो हर साल 3.50 टन कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में घुलने से बचा लेगा


एशिया में पहला शहर


इंदौर एशिया का पहला शहर है जिसने कंपोस्ट और बायोमिथनाइजेशन के जरिए न केवल प्रदूषण कम किया है बल्कि इसके लिए उसे कार्बन क्रेडिट भी मिलेंगे। इंदौर के प्रयास लगातार जारी हैं। जल्द ही सोलर एनर्जी प्लांट लगाकर निगम और प्रदूषण रोकेगा व ज्यादा कार्बन क्रेडिट प्राप्त कर सकेगा। -आशीष सिंह, निगमायुक्त


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