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आप यदि आपके आइने में चेहरा देखें तो आपको ब्रेस्ट कैंसर या मुक कैंसर के बारे में जानकारी मिल सकती है


इंदौर आईने के सामने कुछ मिनट खूबसूरती निहारने के बजाय बीमारी का पता लगाने के लिए भी दिए जा सकते हैं। कुछ ही मिनटों में पुरुष अपने अंदर पनप रहे ओरल कैंसर और महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकती हैं। डॉक्टर के पहले मरीज खुद कैंसर का पता लगा सकते हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में हजारों लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। बरसों से कैंसर सोसायटी ऑफ मध्यप्रदेश द्वारा कैंसर जैसे गंभीर रोग का पता लगाने के लिए 'सेल्फ एक्जामिन ऑफ ओरल एंड ब्रेस्ट कैंसर' की अपील की जा रही है। विडंबना यह है कि नाममात्र लोगों ने भी इस बात को नहीं समझा। डॉक्टरों के अनुसार ज्यादातर मरीज तीसरी और चौथी स्टेज में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। इससे मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। बीमारी काफी बढ़ जाने के कारण 70 प्रतिशत ओरल कैंसर के मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। कैंसर सोसायटी के अनुसार हर अस्पताल में सेल्फ एक्जामिन के पोस्टर लगाए गए हैं।


अलग-अलग कार्यशाला, मैराथन, जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को समझाइश दी जाती है, लेकिन डॉक्टर के पास एक मरीज भी ऐसा नहीं पहुंचा जो सेल्फ एक्जामिन करके गया हो।


बेहद आसान है कैंसर के लक्षणों को जानना


कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार ओरल कैंसर को जानना बेहद आसान है। आईने के सामने खड़े होकर चेहरे के दोनों हिस्सों को बारीकी से देखें। आपस में दोनों हिस्सों की तुलना करें। किसी एक तरफ सूजन, गठान नजर आती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


 



मुंह के अंदर टार्च की रोशनी डालकर ऊपर से नीचे की ओर देखें। अगर सफेद और लाल रंग के धब्बे दिखें तो सतर्क हो जाएं।


-चेहरे, गर्दन, मुंह के अंदर छाला अगर दो सप्ताह तक ठीक न हो।


-मुंह से बार-बार खून आना, चेहरे, मुंह, गर्दन के किसी हिस्से में दर्द, सुन्नपन।


अगर आप ये करते हैं तो जरूर खुद की जांच करें


 तंबाकू सेवन या अन्य धूम्रपान करते हैं


-ज्यादा शराब पीते हैं


ज्यादा समय धूप में घूमते हैं


-नकली दांत पुराने या बराबर नहीं लगे हो


 


-खाने या निगलने में परेशानी हो


खुद को ध्यान से देखें तो पता चलेगा ब्रेस्ट कैंसर


 


डॉक्टरों के अनुसार भारत में 70 हजार महिलाओं की मृत्यु ब्रेस्ट कैंसर से होती है जबकि पहले चरण में इसका पता लगने पर मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है। महिला कांच के सामने खड़े होकर इस कैंसर को आसानी से समझ सकती है। ब्रेस्ट में गठान, लगातार दर्द, स्त्राव आदि लक्षणों के आधार पर बीमारी का प्रारंभिक पता किया जा सकता है। 20 वर्ष की उम्र के बाद हर महिला को महीने में एक बार स्व परीक्षण करना चाहिए।


अब लोगों को गंभीर हो जाना चाहिए


 


कैंसर रोग विशेषज्ञ व कैंसर सोसायटी ऑफ मध्यप्रदेश के मानद सचिव डॉ.दिलीप आचार्य कहते हैं कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या को थोड़ी सी जागरूकता से कम किया जा सकता है। एक प्रतिशत मरीज भी सेल्फ एक्जामिन करने के बाद डॉक्टर के पास नहीं आते। वे डॉक्टर के पास किसी अन्य परेशानी के कारण पहुंचते हैं तब जांच करने पर कैंसर का पता लगता है। कई वर्षों से इसके लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं। अब लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।


डरें नहीं, हर गठान कैंसर की नहीं होती


डॉक्टर कहते हैं जरूरी नहीं है कि मुंह के अंदर का हर छाला, दाग या गठान कैंसर की ही हो। ब्रेस्ट में 80 प्रतिशत गठानें कैंसर की नहीं होती। इसीलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। सेल्फ एक्जामिन से व्यक्ति की शंका दूर हो सकती है। या बीमारी तीसरी-चौथी स्टेज पर पहुंचने से रूक सकती है।



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