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रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में इस बार भक्तों को नहीं मिलेगी कुबेर पोटली


शहर के माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर पांच दिवसीय दीपोत्सव में जेवर, हीरे, मोती से विशेष श्रृंगार होगा, लेकिन सजावट पर प्रशासन का पहरा रहेगा। श्रृंगार के लिए भक्तों द्वारा दी जाने वाली नगदी, आभूषण की जानकारी प्रतिदिन शाम को प्रशासन को देना होगी। निगरानी के लिए मंदिर में 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। दीपोत्सव में आभूषणों व नकदी से विशेष श्रृंगार के लिए देश भर में चर्चित महालक्ष्मी मंदिर पर इस बार सामान्य सजावट ही होगी। बुधवार शाम कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर शहर एसडीएम लक्ष्मी गामड़, तहसीलदार गोपाल सोनी, सीएसपी हेमंत चौहान, नाजिर ईश्वर खराड़ी मंदिर पहुंचे। पंडित गोपाल पुजारी से चर्चा कर निर्देश दिए कि श्रृंगार सामग्री देने वालों के नाम, फोटो व मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर में इंट्री की जाए। कोई अव्यवस्था नहीं होना चाहिए। अधिकारियों ने कुबेर पोटली वितरण करने से भी मना कर दिया।


नोटों की लड़ियां बनाकर टांगने को लेकर हिदायत दी कि भारतीय मुद्रा का अपमान न हो, इस बात का खास ध्यान रखा जाए। नोटों की बजाए फूलों से सजावट की जाए। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम गुरुवार से शुरू होगा। दीप पर्व के दौरान भरोसेमंद लोगों को ही मंदिर में रखने के साथ ही प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। दीपावली पूजन वाले दिन पटवारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अधिकारियों ने पुजारी को यह भी स्पष्ट किया है करोड़ों के श्रृंगार का संदेश फैलाकर लोगों को भ्रमित नहीं किया जाए। दान पात्र शुक्रवार को खोला जाएगा


यह होगा बदलाव


- सजावट के दौरान मंदिर परिसर में रैंप नहीं बनेगा।


 महिला व पुरुष के दर्शन का रास्ता अलग-अलग रहेगा।


- कुबेर पोटली का वितरण नहीं होगा।


सीसीटीवी कैमरे प्रशासन के रहेंगे। डीवीआर माणकचौक पुलिस थाने में लगा रहेगा।


मंदिर शासन के अधीन है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सजावट में आने वाली नगदी, आभूषण व अन्य सामग्री की जानकारी प्रतिदिन शाम को प्रशासन को देना होगी। भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। -लक्ष्मी गामड़, एसडीएम


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