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मध्यप्रदेश में 4500 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी विदेशी कपंनियां


 मध्य प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने और देसी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कमलनाथ सरकार की नीति को धीरे-धीरे आकार मिलने लगा है। मैग्निफिसेंट एमपी से पहले ही लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपए के विदेशी निवेश के प्रस्ताव सरकार को मिले हैं, जो विभिन्न् स्तर पर प्रचलित हैं। इनमें नार्वे की स्टेटक्राफ्ट का सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव अंतिम दौर में है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में कदम रखेगी और डाटा सेंटर बनाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग ने जमीन आवंटित करने की प्रक्रिया भी लगभग पूरी कर ली है।


डाटा सेंटर बनाएगी


सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ उद्योगों के उपयुक्त प्रस्तावों पर निर्णय लेने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाते हैं। यही वजह है कि कुछ माह पहले ही नार्वे की स्टेटक्राफ्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में निवेश करने का प्रस्ताव रखा तो उस पर तत्काल सहमति देते हुए अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उद्योग विभाग ने भी तत्परता दिखाई और आष्टा के पास पांच सौ एकड़ से ज्यादा जमीन चिन्हित करके बता दी। कंपनी डाटा सेंटर बनाएगी जो ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। इसके अलावा इससे जुड़े उद्योग भी आसपास आएंगे। कंपनी का करीब आठ हजार करोड़ रुपए लगाकर अन्य कंपनियों के लिए टाउनशिप विकसित करने की योजना है।


ये कंपनियां भी करेंगी निवेशइसके अलावा अमेरिका की प्राक्टर एंड गेंबल 500 करोड़, इजराइल एवगोल एक हजार 250 करोड़, जापान ब्रिजस्टोन 400 करोड़, ब्राजील की फेटीसा 350 करोड़, अमेरिका की पारफार्मा 375 करोड़, इजराइल की ट्रेवा फार्मा 258 करोड़, अमेरिका की केश न्यू होलैंड 162 करोड़ और अमेरिका की टेनिको ऑटोमोबाइल 90 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार इंदौर में 18 से 20 अक्टूबर को मैग्निफिसेंट एमपी कार्यक्रम आयोजित कर रही है


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