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मेडिकल कॉलेजों में अब तैयार नहीं होंगे पीजी डिप्लोमा वाले विशेषज्ञ, डिग्री में तब्दील होंगी सीटें


 प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से अब पीजी डिप्लोमा कर विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार नहीं होंगे। कॉलेजों की डिप्लोमा सीटों को डिग्री सीटों में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने कॉलेजों से 31 अक्टूबर के पहले आवेदन करने को कहा है। मप्र में डिप्लोमा की 20 सीटें हैं, इन्हें डिग्री में तब्दील किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि डिग्रीधारी विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार होंगे। एमसीआई ने पिछले साल अपने नियमों में संशोधन कर पीजी डिप्लोमा की सीटों को डिग्री में बदलने का काम शुरू किया है।


पिछले साल मप्र में 120 डिप्लोमा सीटों को डिग्री में बदला गया था। अभी भी प्रदेश के पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डिप्लोमा की 20 सीटें बची हैं। इसमें सबसे ज्यादा जीएमसी भोपाल में 7 सीटें हैं। कुल 20 सीटों में आधी सीटें सेवारत उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। प्रदेश के पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी डिग्री की 310 सीटें हैं


यह होगा फायदा


पीजी डिप्लोमा कोर्स दो साल का व डिग्री कोर्स तीन साल का होता है। डिग्री वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों की ज्यादा मांग रहती है। मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी बनने या फिर सुपर स्पेशियलिटी कोर्स करने के लिए भी ज्यादातर विषयों में पीजी डिग्री होने की अनिवार्यता है। जिन विभागों में पीजी डिग्री की सीटें कम हैं, सिर्फ उनमें फैकल्टी बनने या सुपर स्पेशियलिटी के लिए पीजी डिग्री कोर्स की अनिवार्यता नहीं है कॉलेजों की करीब 120 डिप्लोमा सीटों को पिछले साल डिग्री कोर्स में बदला गया है। जो सीटें बची हैं इसके लिए संबंधित कॉलेज एमसीआई को आवेदन करेंगे। - डॉ. राजेंद्र शर्मा, उप संचालक, संचालनालय चिकित्सा शिक्षा


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