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दिवाली पर पूजन के ये हैं श्रेष्ठ मुहूर्त, 37 साल बाद बन रहा महासंयोग


 धन की देवी की अगवानी के लिए शहर तैयार है। एक ओर घर और संस्थानों में शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजन की तैयार है। वहीं बाजार भी गुलजार हैं, जहां कारोबारियों को अच्छी ग्राहकी का इंतजार है। इस दीपावली खास बात यह कि 37 साल बाद सूर्यदेव का दिन, चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का महासंयोग बना है। ज्योतिषियों की मानें, तो यह महासंयोग महालक्ष्मी की कृपा बरसाएगा। जिले में दीपोत्सव की तैयारियां विजयादशमी पर्व के साथ ही शुरू हो गई थीं। घर, दुकान और संस्थानों में साफ-सफाई और साज-सज्जा की गई। वहीं बाजारों में भी उठाव देखने को मिला। इसी क्रम में रविवार को महालक्ष्मी पूजन होगा।


इसके लिए ज्योतिषियों ने भी शुभ मुहूर्त बताए हैं। पं. गिरजेश दुबे पिपरिया ने बताया कि दीपावली पर महासंयोग भी बन रहा है, जो कृपा बरसाएगा। इसके अलावा पूजन के लिए पांच मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। इनमें सुबह 9.16 से 12.04 बजे तक लाभ अमृत की बेला, दोपहर 1.29 से 2.53 बजे तक शुभ की बेला, 2.09 से 3.41 बजे तक स्थिर लग्न कुंभ, शाम 5.41 से 8.53 बजे तक शुभ अमृत की बेला, शाम 6.49 से 8.46 बजे तक वृषभ लग्न और रात 1.32 से 3.45 बजे तक सिंह लग्न में महालक्ष्मी की पूजन और आह्वान करना श्रेष्ठ होगा। इधर, शनिवार को नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है, का पर्व मनाया गया


महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त


- सुबह 9.16 से 12.04 बजे तक लाभ अमृत की बेला


 दोपहर 1.29 से 2.53 बजे तक शुभ की बेला


- दोपहर 2.09 से 3.41 बजे तक स्थिर लग्न कुंभ


शाम 5.41 से 8.53 बजे तक शुभ अमृत की बेला


- शाम 6.49 से 8.46 बजे तक वृषभ लग्न


 रात 1.32 से 3.45 बजे तक सिंह लग्न


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