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ओम बिरला ने कहा चिंता की बात यह है कि विधानसभाओं के सत्रों की संख्या और समय लगातार कम हो रहा है।


लोकसभा और विधानसभा के सत्र सुचारू रूप से बगैर किसी बाधा के चलें। चिंता की बात यह है कि विधानसभाओं के सत्रों की संख्या और समय लगातार कम हो रहा है। इसे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन के सामने रख उनका समाधान करा सकें। इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है कि दो समितियां बनाई जाएं, जो विधानसभा अध्यक्षों से चर्चा कर इस संबंध में आचार संहिता बना सकें, ताकि विधानसभा की कार्रवाई निर्बाध रूप से सतत चलती रहे।


समितियों की अनुशंसा लागू होने से विधानसभाओं के कामकाज में एकरूपता आ सकेगी। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इंदौर में मीडिया से चर्चा में कही। गुरुवार को वे अल्प प्रवास पर शहर में थे। इस दौरान उन्होंने माहेश्वरी समाज के लोगों के साथ अनौपचारिक मुलाकात भी की। एयरपोर्ट रोड स्थित नृसिंह वाटिका में हुई इस मुलाकात के दौरान समाजजन ने उनका सम्मान भी किया


बिरला ने इसके लिए माहेश्वरी समाज का धन्यवाद देते हुए वादा किया कि वे अगली बार फिर यहां आएंगे। उनके साथ सांसद शंकर लालवानी और विधायक रमेश मेंदोला भी मौजूद थे। कार्यक्रम में माहेश्वरी समाज के राजकुमार साबू, गोविंद मालू, कमल भुराड़िया, लक्ष्मण माहेश्वरी, देवेंद्र ईनाणी, कैलाश मूंगड़ सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।


अनुच्छेद 370 पर जो हुआ, अच्छा हुआ : बिरला ने कहा कि लोकसभा में सहमति की कोशिश की जाती है। सदन में सहमति और असहमति दोनों पक्ष होते हैं। हर सदस्य को लोकसभा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। अनुच्छेद 370 पर सदन में सारगर्भित चर्चा हुई थी। लंबी चर्चा के बाद मतविभाजन हुआ। इसके बाद इसे अमलीजामा पहनाया गया। लंबे समय से हमारे देश में 'एक देश एक संविधान' की बात हो रही थी, जो अब पूरी हो गई है। अनुच्छेद 370 पर जो हुआ, अच्छा हुआ


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