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इंदौर आई अस्पताल की घटना को लेकर सरकार ने लिया निर्णय स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की निगरानी में लगेंगे निजी मोतियाबिंद शिविर


इंदौर आई अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान 11 मरीजों की आंख की रोशनी जाने के बाद सरकार ने निजी मोतियाबिंद शिविरों को लेकर सख्ती की तैयारी कर ली है। अब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की निगरानी में निजी मोतियाबिंद शिविर लगेंगे। शिविर में किसी तरह की गड़बड़ी होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


यह बात स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सोमवार को कही। वह खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय में पौधारोपण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि इंदौर आई अस्पताल में पिछले करीब तीन महीने में 310 मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए हैं। अब इन सभी मरीजों की आंख की दोबारा जांच की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि इन मरीजों कोई दिक्कत तो नहीं हुई है


मरीजों की आंख में स्यूडोमोनास बैक्टीरिया का संक्रमण होने से उनके आंख की रोशनी चली गई थी। इनमें 10 मरीज धार व एक इंदौर का था।


मंत्री ने बताया कि शंकर नेत्रालय चेन्न्ई के डॉ. राजीव रमण मरीजों का इलाज कर रह हैं। उन्होंने बताया कि तीन मरीजों को इलाज के लिए विमान से शंकर नेत्रालय भेजा जा रहा है। चार का इंदौर में ही ऑपरेशन हुआ है। चार अन्य की आंखों में कुछ सुधार आया है


अस्पताल संचालक पर दर्ज होगी एफआईआर


मंत्री सिलावट ने कहा है कि अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के बाद अस्पताल संचालक पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के इलाज में बड़ी लापरवाही की है। 5 अगस्त को भी यहां पर कुछ मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए थे। इनमें दो की आंखों में संक्रमण हुआ तो उनकी आंख निकाल दी गई, पर स्वास्थ्य विभाग को कोई सूचना नहीं दी गई। यह घटना होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने 8 अगस्त को 13 मरीजों के आंख के ऑपरेशन कर दिए


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