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हाल ही में पास हुआ नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019, एक सितंबर से लागू होने वाला है


अगर आप भी ट्रैफिक रूल तोड़ने के आदी हैं और बिना हेलमाट या सीटबेल्ट के वाहन चलाते हैं तो यह आदत जिनती जल्दी हो सके बदल लें। आपके पास 1 सितंबर तक का वक्त है क्योंकि उसके बाद ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों को भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।


दरअसल, एक सितंबर से देश में नए मोटर एक्ट के प्रावधानों को लागू किया जाएगा और इसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लगने वाला जुर्माना वर्तमान के मुकाबले कईं गुना तक बढ़ जाएगा।


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को इसका एलान किया कि यह नियम एक सितंबल से लागू होंगे। मंत्रालय की नई वेबसाइट लॉन्च करते हुए गडकरी ने कहा कि हमने नए मोटर वाहन एक्ट, 2019 के 63 उपबंधों, जिनमें नियम बनाने की जरूरत नहीं है, को सितंबर से लागू करने का निर्णय किया है। इन उपबंधों का संबंध बढ़े हुए जुर्मानों से है। नए मोटर एक्ट में विभिन्न यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी गई है


उदाहरण के लिए बिना हेलमेट के दुपहिया चलाने अथवा बिना सीट बेल्ट के कार चलाने पर अब 100 रुपए के बजाय 1,000 रुपए की पेनाल्टी भरनी पड़ेगी। जबकि बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये की बजाय 5,000 रुपए का अर्थदंड लगेगा।


यही नहीं, निर्धारित से अधिक रफ्तार पर गाड़ी चलाने पर 400 रुपए के बजाय वाहन की श्रेणी के अनुसार 1,000 रुपए (एलएमवी) अथवा 2,000 रुपए (मीडियम यात्री वाहन) की रसीद कटेगी। इसी प्रकार शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपए के बजाय 10,000 रुपए तथा बिना परमिट वाहन चलाते पकड़े जाने पर 5,000 रुपए के बजाय 10 हजार रुपये का अर्थदंड भरना पड़ेगा


नया मोटर एक संसद में पारित हो चुका है। गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने जुर्माने से संबंधित सभी उपबंधों को विधि मंत्रालय के पास राय के लिए भेजा है। दो-चार दिन में वहां से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इसके बाद इन उपबंधों को एक सितंबर से लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।उन्होंने जुुर्माना बढ़ने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी की उम्मीद जताई। लेकिन माना कि ज्यादा सड़क हादसे घटिया सड़क निर्माण तथा डिजाइन की खामियों के कारण होते हैं।


यही वजह है कि सरकार ने देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 786 दुर्घटना बहुल मार्ग-खंडों (एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान की है और उन्हें दुरुस्त करने की परियोजना चला रखी है। इसके अलावा विश्व बैंक तथा एडीबी की मदद से 14 हजार करोड़ रुपए की एक अन्य परियोजना तैयार करने का प्रयास हो रहा है, जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ प्रादेशिक राजमार्गों तथा जिला स्तरीय सड़कों पर भी ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें ठीक किया जाएगा


31 दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक छोड़ सभी लेनों को फास्टैग लेन में परिवर्तित करने की योजना के बाबत गडकरी ने कहा कि अब तक 52.59 फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। बाईस प्रमाणित बैंक अपनी चुनिंदा शाखाओं और टोल प्लाजा पर इनकी बिक्री कर रहे हैं। किसी भी बैंक का खाताधारक फास्टैग को अपना सकता है।


आरटीओ से भी फास्टैग की बिक्री के प्रयास


 


फास्टैग की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सड़क मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर आरटीओ परिसरों के भीतर इनकी बिक्री की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया है। नई परिवहन नीति लाने की तैयारी :इस दौरान गडकरी ने नई परिवहन नीति लाए जाने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर राज्य परिवहन निगम घाटे में चल रहे हैं और उनकी हालत खराब है। इसे ठीक करने के लिए हम नई परिवहन नीति का मसौदा तैयार कर रहे हैं। इस पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा

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