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मध्यप्रदेश में दूध और इससे बनने वाले उत्पादों की शुद्धता जांचने के लिए बनेगा उड़नदस्ता


नकली दूध और मावा बनाने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में इसे लेकर व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए। मंत्री ने साफ कह दिया है कि घातक पदार्थों से मिलावटी सिंथेटिक दूध, मावा, मिठाई व अन्य दूध उत्पाद बनाने वालों को चिन्हित किया जाए और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। दूध और दूध से बनने वाले उत्पादों की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए उड़नदस्ता बनेगा।


यह वन विभाग के उड़नदस्ते की तर्ज पर काम करेगा। इसमें खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी, जिला खाद्य विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी रहेंगे। हाल ही में मप्र एसटीएफ ने पिछले दिनों भिंड, मुरैना में सिंथेटिक दूध बनाने वाले व्यापारियों को पकड़ा था। यह दूध पांच राज्यों में सप्लाई किया जाता था


भाजपा ने उठाए सवाल, बिना दांत का विभाग है खाद्य एवं औषधि : भाजपा नेता हितेष वाजपेयी ने मंत्री के इस निर्देश पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग को रासुका की कार्रवाई करने का अधिकार ही नहीं है। मैं खुद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का संयुक्त नियंत्रक रहा हूं। इस नाते जानता हूं कि विभाग बिना दांत का है। यहां खूब उगाही होती है।


जहरीले दूध-मावा कारोबारियों पर नए सिरे से शिकंजा कसेगी एसटीएफनकली दूध-मावे के काले कारोबार में शामिल भिंड व मुरैना के लोगों को एसटीएफ ने नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया था। सोमवार को एसटीएफ टीम दिनभर इंतजार करती रही, लेकिन कोई बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। एसटीएफ ने भिंड और मुरैना के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से उनके जिलों में संचालित चिलर प्लांट और डेयरियों का रिकॉर्ड मांगा है। एसटीएफ अब सिरे से नकली दूध-मावे का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है


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