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12 ज्योतिर्लिंगों में गूंजती है महाकाल के आंगन में बने डमरू की डम-डम

महाकाल मंदिर में श्रावण महोत्सव की शुरुआत उनके बनाए 24 नगाड़ों के वादन के साथ होगी


आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश-दुनिया के शिवभक्तों की आस्था के प्रमुख केंद्र सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकाल के आंगन यानी उज्जैन में तैयार डमरू बजाए जा रहे हैं। शिव को प्रिय इस वाद्य यंत्र का खासतौर पर निर्माण इस नगरी में किया जाता है। विशेष बात यह भी है कि हर ज्योतिर्लिंग में अलग प्रकार से तैयार डमरू प्रदान किया गया है।


परिष्कृत सामाजिक संस्था के नरेंद्रसिंह कुशवाह डमरू, नगाड़े सहित विविध वाद्य यंत्र तैयार करते हैं। वे बताते हैं कि करीब तीन दशक पहले जब पहली बार डमरू तैयार किया तो सोचा कि महाकाल के आंगन में बना डमरू ही हर ज्योतिर्लिंग में बजे। इस सोच के चलते समय के साथ अलग-अलग ज्योतिर्लिंग में अलग प्रकार से तैयार डमरू भेंट करते गए। आज सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में हमारे बनाए डमरू बजाए जा रहे हैं। श्री कुशवाह बताते हैं कि वे पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को भी अपना बनाया डमरू भेंट कर चुके हैं। शहर के लोग उन्हें नगाड़ा सम्राट के रूप में जानते हैं। सिंहस्थ 2016 की पहली पेशवाई का आगाज भी उनके बनाए 11 डमरुओं के नाद के साथ हुआ था। अब रविवार को पहली बार महाकाल मंदिर में श्रावण महोत्सव की शुरुआत उनके बनाए 24 नगाड़ों के वादन के साथ होगी


 


 


 


 

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