Header Ads Widget

Responsive Advertisement

सुप्रसिद्ध कमेंटेटर सुशील दोशी ने किया प्रेस्टीज के छात्रों के साथ संवाद।

इंदौर: देश के मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए लगन, कठिन परिश्रम और निरंतर सीखने की ललक जरूरी है। उन्होंने प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के बैचलर ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के छात्रों को संबोधित करते हुए संचार कौशल को निखारने, डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने और चुनौतियों को अवसरों में बदलने की सलाह दी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित दोशी ने अपने करियर के शुरुआती संघर्षों और क्रिकेट कमेंट्री की दुनिया में कदम रखने की रोमांचक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि दृढ़ निश्चय और मेहनत ने उन्हें खेल पत्रकारिता में एक खास मुकाम दिलाया। संस्थान की छात्रा शगुन जैन के साथ एक पॉडकास्ट सत्र में उन्होंने कमेंट्री की बारीकियों, इसके अवसरों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। दोशी ने छात्रों को डिजिटल युग में पॉडकास्ट जैसे नए माध्यमों को अपनाने और तकनीक के साथ अपने कौशल को और बेहतर बनाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने दोशी को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंटकर सम्मानित किया। संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एस. रमन अय्यर ने दोशी के क्रिकेट और मीडिया जगत में योगदान को प्रेरणादायक बताया, जो युवा पत्रकारों के लिए एक मिसाल है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ