बड़गोंदा थानाक्षेत्र में फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप के माध्यम से निवेश कराकर मोटी कमाई का लालच देकर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है। पुलिस के अनुसार, एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर को जनवरी में शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर मोटा फायदा लेने की योजना बताई गई।
कई प्रयासों के बाद, रिटायर्ड बिग्रेडियर ने कुछ पैसा शेयर ट्रेडिंग के लिए ठग द्वारा बताए गए खाते में जमा कराया। इन पैसों से ठगों ने कुछ शेयर खरीदने का दावा किया, जो शेयर ट्रेडिंग एप पर भी दिखाई देने लगे। इन शेयरों की कीमत लगातार बढ़ने लगी, जिससे भारी मुनाफा एप पर दिखने लगा। इसके बाद ठगों ने क्लाइंट को और राशि लगाने के लिए कहा, तो पीड़ित ने मुनाफा देखते हुए राशि जमा की।
इसके बाद ठगों ने उस राशि से फिर नए शेयर खरीदने का दावा किया। मार्च तक ठगों के बताए खाते में करीब 1 करोड़ 26 लाख रुपए जमा करने के बाद, शेयरों की कीमत करीब 11 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी थी। मार्च में रिटायर्ड ब्रिगेडियर ने इस मुनाफे की राशि का ट्रांजेक्शन अपने खातों में करने का प्रयास किया। जब इन पैसों का ट्रांजेक्शन नहीं हुआ, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
खाते में फ्रीज कराए 6.50 लाख पुलिस के अनुसार, मामले की सूचना मिलते ही संबंधित बैंक से संपर्क कर खाते को फ्रीज कराया गया। इसमें जमा करीब साढ़े 6 लाख रुपए ठग निकालने में सफल नहीं हो सके। वहीं, पुलिस ने करीब साढ़े 3 लाख रुपए नकद भी रिकवर किए हैं। बड़गोंदा पुलिस ने बताया कि बिचौलिए और खाताधारक को इसमें गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी के बारे में पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों से की जा रही पूछताछ पुलिस ने जिस खाते में राशि जमा हुई, उस बैंक और खाते की डिटेल निकालकर गुजरात के केतन दर्जी को पकड़ा। पूछताछ में केतन ने बताया कि उसने अपना खाता भोपाल निवासी विशाल रजक के माध्यम से किसी को किराए पर दिया था। शनिवार को पुलिस ने विशाल को भी भोपाल से पकड़ा।
पुलिस द्वारा विशाल और केतन से पूछताछ कर गिरोह के मास्टरमाइंड सहित अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है। इसमें केतन को खाते के किराए के रूप में जमा होने वाले रुपयों का आधा प्रतिशत पैसा देने का लालच दिया गया था। केतन के खाते में करीब 67 लाख रुपए जमा कराए गए थे।
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