अगर ये पूछा जाए कि धरती पर स्वर्ग कहां है तो आप कह सकते हैं कि ये जगह फिनलैंड है. ये देश हैप्पी इंडैक्स में लगातार आठवें साल नंबर वन बना हुआ है. यहां वो सबकुछ है जो अपने हर नागरिक को एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी देता है.
फिनलैंड फिर से दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची में नंबर वन गया है. इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 जारी की, उसमें लगातार आठवें साल ये देश नंबर वन की पोजिशन पर बना हुआ है. दूसरे नंबर पर डेनमार्क, तीसरे पर आइसलैंड और चौथे पायदान पर स्वीडन है. आखिर क्या वजह है कि ये देश दुनिया का सबसे खुश देश बना हुआ है. क्यों यहां के लोग दुनिया के सबसे खुशी लोग माने जाते होंगे. वैसे ये बात तो है कि ये देश अपने लोगों की जिंदगी को निश्चिंत रखने का हरसंभव कदम उठती है.
यहां भ्रष्टाचार नहीं है, हर किसी को आर्थिक सुरक्षा है. लोगों की आमदनी बहुत है. क्राइम तो है ही नहीं. हर व्यक्ति शानदार तरीके से नेचर और आरामदायक मकानों में रहता है. शुद्ध हवा-पानी है लोग अपने जीवन से संतुष्ट हैं. रिचर्स के लिए ये सबसे बेहतरीन जगह मानी जाती है. कोई बेघर नहीं रहता, यहां तक कि यहां आए अप्रवासी भी खुश रहते हैं. शिक्षा व्यवस्था दुनिया में सबसे उम्दा है. साथ ही प्रेस को पूरी आजादी मिली हुई है. यानि आप अपनी कल्पनाओं में जो कुछ भी अच्छा सोचते हों, वो सभी कुछ इस देश में आपको मिलेगा.
1. आर्थिक सुरक्षा
दुनिया के सबसे विकसित देशों में है. जहां हर नागरिक को आर्थिक सुरक्षा, भत्तों के साथ कई ऐसे अधिकार और सुविधाएं हासिल हैं कि उन्हें नहीं सोचना पड़ता कि उनकी नौकरी चली गई तो क्या होगा या फिर अगर वो बूढ़े हो गए और उनके पास धन नहीं है तो क्या होगा या कोई दुर्घटना या तबीयत खराब हो जाए तो इलाज कैसे होगा. ये सारा जिम्मा सरकार उठाती है. हालांकि यहां लोगों की आमदनी काफी है.
2. स्थिर और सुरक्षित देश..क्राइम न के बराबर
ये सबसे स्थिर और सुरक्षित देश है. वर्ष 2015 में यहां मर्डर रेट एक लाख की आबादी पर केवल 1.28 फीसदी है. यहां की कुल आबादी 55 लाख है. वर्ष 2015 में यहां केवल 50 मर्डर हुए. संगठित क्राइम तो न के बराबर है. पुलिस बहुत भरोसेमंद और सक्षम है. यहां की पुलिस और इंटरनेट सुरक्षा को दुनिया में दूसरे नंबर पर माना जाता है. कानून का पालन सख्ती से होता है.
3. प्रति किलोमीटर 18 व्यक्तियों की रिहाइश
यहां प्रति वर्ग किलोमीटर में लगभग 18 आदमी रहते हैं जो यूरोपियन यूनियन में सबसे कम हैं. ठंड ज्यादा रहती है. मौसम सुहाना और मनमोहक रहता है. गर्मियों के समय रात बारह बजे के बाद कुछ अंधेरा होता है. इसके पहले रात दस बजे के आस-पास ऐसा लगता है कि जैसे अभी शाम हुई है जबकि ठंड के वक्त दिन में अधिकांश अंधेरा होता है दोपहर में कुछ समय के लिए सूरज देव के दर्शन हो पाते हैं.
4. सबसे कम भ्रष्टाचार और सबसे प्रोग्रेसिव समाज
यहां का प्रशासन दुनिया में सबसे बेहतर माना जाता है. यहां भ्रष्टाचार सबसे कम है. कहा जाता है कि यहां का समाज सबसे प्रोग्रेसिव है. यूएन की रिपोर्ट ने जिन मानकों पर इसे सबसे खुश देश बताया है, उसमें ये सारे मानक भी हैं, जो ये बताते हैं कि देश में नाखुशी नहीं है और संतुष्टि है.
5. कोई बेघर नहीं
अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है. फिनलैंड के बैंक दुनिया में सबसे दमदार माने जाते हैं. हालांकि यहां की जीडीपी कम है. ये दुनिया का अकेला देश होगा, जहां कोई बेघर नहीं है.
6. अप्रवासी भी खुश
हैप्पी इंडैक्स में अप्रवासियों की खुशी को भी मानक रखा गया है. उसमें फिनलैंड सबसे ऊपर है. वर्ष 2015 के बाद यहां कई देशों के शरणार्थी पहुंचे. वो सभी यहां खुश हैं. 55 लाख के इस देश में शरणार्थियों की संख्या तीन लाख के आसपास है. शरणार्थियों को भी बहुत कम दरों पर किराए का मकान उपलब्ध कराया जाता है.
7. मुक्त माहौल और आजादी
यहां के लोग सबसे मुक्त माहौल में रहते हैं. चुनाव काफी साफसुथरे ढंग से होते हैं. लोगों को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत और अभिव्यक्ति की आजादी है.प्रेस को पूरी आजादी हासिल है. मानव अधिकारों की रक्षा की जाती है.
8. अनुसंधान और ट्रेनिंग पर सबसे ज्यादा खर्च
अनुसंधान और प्रशिक्षण पर भारी खर्च करने के कारण फिनलैंड विश्व का सबसे ज्यादा योग्य प्रतिभाएं को तैयार करने वाला देश बन चुका है.
9. जीवन से संतुष्ट
यहां के लोग अपने जीवन से संतुष्ट हैं. उन्हें अपने रहने की जगहों से कोई शिकायत नहीं है. यहां रहने की जगहें काफी स्पेस वाली और आरामदायक हैं. कंज्युमर कांफिडेंस यूरोप में सबसे मजबूत है. लिंग बराबरी में ये विश्व के शीर्ष पांच देशों में है. फिनलैंड सबसे ज्यादा महिला सांसदों के मामले में दुनिया का तीसरा शीर्ष देश है.
10. शुद्ध हवा और शुद्ध पानी
शुद्ध हवा के मामले में ये तीसरे नंबर का देश है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में ये बात कही गई है. वहीं पानी के मामले में दुनिया में बेहतरीन स्थिति में है.यहां कुल 1,87,888 झीलें हैं जिसके कारण इसे झीलों का देश भी कहते हैं. साथ ही काफी बडी मात्रा में जंगल हैं.
11. बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था
यहां की शिक्षा व्यवस्था की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती हैं. ग्लोबल कंपटीटीव रिपोर्ट 2016-17 के अनुसार ये दुनिया में सबसे उम्दा है. जबकि उच्च शिक्षा का स्तर दुनिया में तीसरे नंबर का है. ये दुनिया के सबसे साक्षर देशों में भी है. यूरोप में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा लोग यहां की लाइब्रेरियों का इस्तेमाल करते हैं.
12. क्लीन तकनीक और बिजनेस फ्रेंडली माहौल
बिजनेस करने के मामले में ये यूरोप का तीसरे नंबर का बेहतरीन देश है. यहां बिजनेस ग्रोथ का माहौल में यूरोप में तीसरे नंबर पर बेस्ट है. ग्लोबल क्लीनटेक इनोवेशन इंडैक्स कहता है कि क्लीन तकनीक इस्तेमाल करने में ये दुनिया का दूसरे नंबर का बेहतरीन देश है.
13. अमीरों का चालान ज्यादा तो कम कमाई वालों का कम
फ़िनलैंड यूं तो कई मायने में खास है,लेकिन दिलचस्प है कि वहां ट्रैफिक चालान लोगों की तनख्वाह के हिसाब से काटे जाते हैं. हालांकि,इस कानून ने पुलिसवालों को खूब तंग किया,क्योंकि लोग अपनी कमाई हमेशा कम बताया करते थे.
इतिहास फिनलैंड का
– कई सदियों तक फिनलैंड राजशाही के तले रहा लेकिन 19वीं सदी में रूस ने उस पर कब्जा कर लिया लेकिन 1900 के शुरुआती बरसों में ही फिनलैंड के लोगों ने आजादी हासिल कर ली. लेकिन यहां स्वीडिश संस्कृति की पूरी छाप है. उसकी वजह ये भी है कि ये कभी स्वीडन का ही हिस्सा था. यहां की दो आधिकारिक भाषाओं में एक स्वीडिश है और दूसरी फिनिश.
दूसरे विश्व युद्ध से पहले ये एक कृषिप्रधान देश था लेकिन 50 के दशक में यहां आमूल चूल बदलाव हुआ. बड़ी इंडस्ट्रीज लगीं और बडे बाजार का आगाज हुआ, जिसके बाद ये दुनिया के सबसे बड़ी इकोनॉमी में एक बन गई. आईएमएफ उसे दुनिया का सबसे बेस्ट देश मानता है.
ये भी…
1. फिनलैंड उन देशों में है, जहां जन्मदर सबसे कम है. यहां खुदकुशी भी काफी बड़ी संख्या में होती है. ये पाया गया कि समृद्धि और खुशहाली के बाद भी यहां के लोगों में काफी अवसाद है.
2. यहां के लोग बड़े पैमाने पर ड्रिंकिंग करते हैं.
3. फ़िनलैंड की आबादी 55 लाख है. यहां चार अलग-अलग मौसम होते हैं.
4. फ़िनिश लोग आमतौर पर सुबह 7 बजे के आसपास नाश्ता करते हैं. नाश्ता आमतौर पर हल्का होता है.
5. फ़िनलैंड के लोग गर्मजोशी से भरे, ईमानदार और ईमानदार होते हैं – घर और काम दोनों जगह.
6. फ़िनिश लोग काम के दौरान कड़ी मेहनत करते हैं, ज़्यादातर लोग काम और ज़िंदगी के बीच एक सख्त रेखा खींचते हैं. एक बार जब वे दफ़्तर से बाहर निकल जाते हैं, तो काम का दिन खत्म हो जाता है.
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