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CM मोहन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का विरोध शुरू, BJP के कार्यकर्ताओं ने ही जलाए पुतले, जानें क्यों?

एमपी सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी ही पार्टी के विधायक मनोज पटेल को लेकर एक बयान दिया, जिसके बाद मनोज पटेल के समर्थकों ने नाराज होकर कैलाश विजयवर्गीय का पुतला जलाया.

इंदौर जिले के देपालपुर तहसील में रविवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय  का पुतला जलाया गया. कुछ लोग देपालपुर में एकत्रित हुए और कैलाश विजयवर्गीय का विरोध करते हुए चौराहे पर उनका पुतला दहन किया. दरअसल, देपालपुर तहसील में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक मनोज पटेल के समर्थकों ने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का पुतला जलाया.

इससे एक दिन पहले इंदौर के बीजेपी कार्यालय में कैलाश विजयवर्गीय कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे, जहां पर सभी नौ विधानसभाओं के विधायक और कार्यकर्ता भी मौजूद थे. इसी सभा में कैलाश विजयवर्गीय ने देरी से आने पर मनोज पटेल पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा "आइए मनोज जी. मनोज जी जैसे लोग जीत गए यह बहुत बड़ी बात है. मतलब कार्यकर्ता की ताकत कितनी है, यह गौर करने वाली बात है समझने वाली बात है." कैलाश विजयवर्गीय द्वारा विधायक मनोज पटेल को लेकर कही गई बात के बाद देपालपुर में पटेल के समर्थक नाराज हो गए.

BJP कार्यालय के  सामने कैलाश विजयवर्गीय का जलाया गया पुतला
इसके बाद रविवार को पटेल के समर्थकों ने बीजेपी कार्यालय के सामने कैलाश विजयवर्गीय का पुतला दहन किया. कार्यकर्ताओं का कहना था कि कैलाश विजयवर्गीय ने जो कुछ कहा है वह मनोज पटेल का अपमान है. उनको ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए थी. हालांकि कैलाश विजयवर्गीय समर्थक कहते हैं कि उनके बयान का अर्थ कुछ और निकाला जा रहा है, जबकि उन्होंने कहा कि बीजेपी में कार्यकर्ता की ताकत कितनी है, यह देखने वाली बात है. यहां छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी पार्टी में पूरा सम्मान दिया जाता है. वहीं मनोज पटेल की बात करें तो वो बीजेपी में शिवराज सिंह चौहान के समर्थक माने जाते हैं.

कहा जाता है कि मनोज पटेल की राजनीति शिवराज सिंह चौहान की छत्रछाया में पली बढ़ी है. हालांकि बीच में मनोज पटेल सुमित्रा महाजन के समर्थक भी रहे, लेकिन शिवराज सरकार के जाने के बाद मोहन यादव सरकार में मनोज पटेल अपने विधानसभा क्षेत्र में कितने काम करवा पाएंगे, इस बात का अंदेशा स्थानीय चर्चाओं में रहता है. देपालपुर के लोग कहते हैं कि मनोज पटेल और उनके समर्थकों को लग रहा है कि अब नई सरकार बनने के बाद शायद देपालपुर विधानसभा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

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