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लोकमाता अहिल्या स्मारक : बेशकीमती जमीन मिली, अब तक स्वरूप तय नहीं

इंदौर. लोकमाता अहिल्या का स्मारक बनाने के लिए सरकार ने लाल बाग पैलेस से लगी बेशकीमती जमीन ट्रस्ट को आवंटित की थी, लेकिन अब तक स्मारक का स्वरूप तय नहीं हो पाया है। सात माह बाद साफ-सफाई शुरू हुई। ट्रस्ट के पास स्मारक निर्माण के लिए बजट भी नहीं है।

अहिल्याबाई होलकर ने केदारनाथ, सोमनाथ, काशी विश्वनाथ से लेकर देश के कई धार्मिक स्थलों के साथ गंगा और नर्मदा नदी के तटों पर सुंदर घाट बनवाए। इंदौर की पहचान लोकमाता अहिल्या के नाम से है। शहर में उनके जीवन पर आधारित स्मारक बनाने को लेकर पिछले साल ट्रस्ट बनाया गया, जिसकी अध्यक्ष लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन हैं। शासन ने मई 2023 में लाल बाग पैलेस के पीछे रामपुरा कोठी और इंदौर कस्बे के सर्वे नंबर 1005 की 1.215 हेक्टेयर जमीन ट्रस्ट के नाम कर दी। जमीन मिलने के सात माह बाद भी यह तय नहीं हो पाया है कि स्मारक का स्वरूप क्या होगा? ट्रस्ट ने हाल ही में साफ-सफाई शुरू की है। स्थानीय इंजीनियर को काम सौंपा है, ताकि वे भवन के हालात की जानकारी सामने रख सकें। मजेदार बात यह है कि स्मारक बनाने में करोड़ों का खर्च आना है, लेकिन ट्रस्ट के पास फंड की व्यवस्था नहीं है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट अध्यक्ष महाजन जल्द ही बैठक बुलाने वाली हंै।
कोठी में लगेगा बड़ा खर्च
रामपुरा कोठी में अहिल्या स्मारक बनेगा, लेकिन वर्तमान में कोठी की हालत बहुत खराब है। इसे ठीक करने में ही काफी खर्च होगा। पूरे स्मारक को तैयार करने में प्रारंभिक तौर पर दस करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। लोकमाता अहिल्या के जीवन चरित्र को उजागर करने वाले म्यूरल्स भी बनवाए जाते हैं तो उनका खर्च अलग आएगा।
जनता को जोडऩे का प्रयास
स्मारक से जुड़ाव रहे, इसलिए इसे तैयार करने में जनता से भी सहयोग लिया जाएगा। वार्ड स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इसके बावजूद पैसा जमा नहीं हुआ तो व्यापारियों व औद्योगिक संगठनों से अपील की जाएगी। इस पर भी बात नहीं बनी तो सरकार से सहयोग लिया जाएगा।
स्मारक का काम जल्दी शुरू होगा। साफ-सफाई शुरू कर दी गई है। इसके बाद कार्यालय खोला जाएगा। स्मारक का स्वरूप तय होना बाकी है। इसके लिए बैठक रखी जाएगी। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के इंजीनियरों का सहयोग लिया जाएगा।
-अशोक डागा, सदस्य, देवी अहिल्या स्मारक प्रतिष्ठान ट्रस्ट

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