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हुकमचंद मिल श्रमिकों के लिए बड़ा दिन, पीएम ने सौंपा 224 करोड़ का चेक, बोले- अब आपके सामने सुनहरे भविष्य की सुबह

प्रधानमंत्री ने कहा- मोदी की गारंटी पर भरोसा जताकर प्रचंड बहुमत देने के लिए धन्यवाद, नई सरकार संकल्पों को पूरा करेगी, मुख्यमंत्री डॉ. यादव बोले-उज्जैन की विनोद मिल से हुई शुरुआत, हुकमचंद मिल श्रमिकों को 32 साल बाद मिला मुआवजा...

पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्मदिन (सुशासन दिवस) पर आयोजित मजदूरों के हित मजदूरों को समर्पित कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों को मुआवजे का 224 करोड़ का सांकेतिक चेक सौंपा। उन्होंने कहा कि नई सरकार के पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में श्रमिकों के बीच आकर मुझे संतोष हो रहा है। अभी चेक सौंपा है, आने वाले दिनों में यह राशि मिलेगी। आपने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अब आपके सामने सुनहरे भविष्य की सुबह है। पहली बार इंदौर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, जब कोई फैक्ट्री बंद होती है तो श्रमिकों व उनके परिवार को कठिन समय का सामना करना पड़ता है। उज्जैन की विनोद मिल के मामले में हमने जमीन के बदले मुआवजे का क्रम शुरू किया और अब हुकमचंद मिल के श्रमिकों को 32 साल के संघर्ष के बाद इसका फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने जलूद में लगने वाले सोलर प्लांट का वर्चुअली भूमिपूजन भी किया।

कनकेश्वरी देवी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री दोपहर 12 बजे जुड़े और करीब 40 मिनट तक रहे। करीब 14 मिनट के भाषण में उन्होंने प्रदेश की नई भाजपा सरकार के साथ इंदौर को लेकर विशेष बातें कहीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव करीब 11 बजे शामिल हो गए थे। उनका हुकमचंद मिल के श्रमिकों व परिजन के साथ अन्य लोगों ने फूलों से स्वागत किया।

मोदी ने मुख्यमंत्री, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नाम लेकर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 'आज का कार्यक्रम हमारे श्रमिकों की वर्षों की तपस्या, सपनों और संकल्पों का परिणाम है। भारतीय जनता पार्टी की ये नई सरकार, नए मुख्यमंत्री और प्रदेश के सार्वजनिक कार्यक्रमों में गरीब, श्रमिक भाई-बहनों के बीच मेरा आना मेरे लिए संतोष का विषय है। मुझे विश्वास है कि डबल इंजिन की सरकार की नई टीम को हमारे श्रमिक परिवार का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा। गरीब का आशीर्वाद, उनका प्यार क्या कमाल कर सकता है, ये मैं अच्छी तरह जानता हूं।

'मुझे यकीन है मप्र की नई टीम आने वाले दिनों में ऐसी ही कई और उपलब्धियां हासिल करेगी। मुझे बताया गया कि जब हुकमचंद मिल के श्रमिकों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया तो इंदौर में उत्सव का माहौल हो गया। इस निर्णय ने हमारे श्रमिक भाई-बहनों में त्योहारों के उल्लास को और बढा दिया। आज का ये आयोजन इसलिए भी विशेष है, क्योंकि अटलजी की जयंती है। यह इसलिए विशेष है कि मप्र के साथ उनकी आत्मीयता हम सभी जानते हैं। मैंने श्रमिकों को सांकेतिक तौर पर 224 करोड़ का चेक सौंपा है। आने वाले दिनों में ये राशि श्रमिक भाई-बहनों तक पहुंचेगी। मैं जानता हूं, आपने कई चुनौतियाें का सामना किया, लेकिन आपके सामने अब सुनहरे भविष्य की सुबह है। इंदौर के लोग 25 दिसंबर की तारीख को श्रमिकों को न्याय मिलने के दिन के तौर पर याद रखेंगे।'

मेरे लिए चार जातियां सबसे बड़ी

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मेरे लिए चार जातियां सबसे बड़ी हैं। ये चार जातियां हैं-मेरा गरीब, युवा, मेरी माता-बहनें महिलाएं और मेरे किसान भाई-बहन। मप्र की सरकार ने गरीबों का जीवन बदलने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गरीबों की सेवा श्रमिकों का सम्मान और वंचितों को मान, हमारी प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि देश का श्रमिक सशक्त बने और समृद्ध भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।

मजदूरों के दर्द को मुख्यमंत्री ने बताया अपना दर्द

बोले- मेरे पिता भी मिल में करते थे काम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय विधायक व अन्य नेताओं की तारीफ करते हुए भाषण की शुरुआत की। श्रमिकों के 32 साल के संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि आज आपकी मेहनत से बड़ी सफलता मिली है। मैं आपका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए प्रदेश व बड़नगर से उनके संपर्क, स्नेह की जानकारी दी। कहा कि अटलजी इंदौर आते थे तो 56 दुकान की चाट का आनंद लेते थे। वे कहते थे कि मैं मालवा का व्यक्ति हूं। मुझे इस बात की प्रसन्नता और गर्व है कि दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले शहरों में लोकमाता अहिल्या बाई की नगरी इंदौर का नाम है।

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