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श्री राम मंदिर पंचकुइया:हरियाली अमावस्या पर विश्वेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग का हरियाली से हुआ शृंगार

पंचकुइया स्थित श्री राम मंदिर आश्रम में सावन मास के पावन अवसर पर भगवान विश्वेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग का लगातार 24 घंटे 41 ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज के सान्निध्य में रुद्राभिषेक किया जा रहा है। सावन के दूसरे सोमवार हरियाली अमावस्या के अवसर पर भगवान विश्वेश्वर महादेव का भांग और सूखे मेवे से श्रृंगार कर हरियाली में सजाया गया। इसके साथ ही महाआरती हुई।

भगवान विश्वेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग का हरियाली शृंगार।
भगवान विश्वेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग का हरियाली शृंगार।

पांच नदियों के जल से रुद्राभिषेक किया

पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज ने बताया कि हरियाली अमावस्या के अवसर पर सुबह आचार्य पंडितों, विद्वानों द्वारा पांच नदियों के जल जिसमें नर्मदा, गंगा, जमुना, कावेरी, शिप्रा के जल से वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ रुद्राभिषेक किया गया। हजारों भक्तों ने कतार में लगकर भगवान महादेव का अभिषेक किया। उसके बाद भगवान विश्वेश्वर महादेव का आचार्य पंडितों द्वारा 10 किलो सूखे भांग, मेवे, ड्राइफ्रूट से श्रृंगार कर गर्भगृह को पूरे हरियाली फूल पत्ती वनस्पति, चंदन की पत्तियों से सजाया गया, महादेव हरियाली में विराजित हुए। उसके बाद रात्रि 8 बजे भगवान महादेव की आरती की गई।

पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज आरती में शामिल हुए।
पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज आरती में शामिल हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज बिल्व पत्र चढ़ाते हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज बिल्व पत्र चढ़ाते हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज आरती उतारते हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज आरती उतारते हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज एवं पं. दिनेश शर्मा पूजा करते हुए।
महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज एवं पं. दिनेश शर्मा पूजा करते हुए।

पुरानी परंपराओं का निर्वाह

उल्लेखनीय है कि 500 वर्ष प्राचीन पंचकुइयां श्री राम मंदिर आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास महाराज 45 वर्षों से मंदिर की पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए आ रहे थे। विगत दिसंबर 2022 में उनका साकेतवास हो जाने से उनके स्थान पर पंचकुइया पीठाधीश्वर बने महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज उनके बताए पद चिन्हों पर चलते हुए मंदिर के बरसों पुरानी परंपराओं को निभाते हुए चल रहे हैं। उनके द्वारा सावन में कई वर्षों से किए जा रहे अनुष्ठानों को इस वर्ष भी परंपरा अनुसार आयोजित कर रहे हैं।

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