Header Ads Widget

Responsive Advertisement

सावधानी जरूरी:आप सतर्क हुए तो जालसाजों ने भी तरीके बदले, अब ओटीपी को वेरिफिकेशन कोड कहते हैं और एप डाउनलोड नहीं कराते; लिंक भेजते

लगातार बढ़ रही सायबर फ्रॉड की शिकायतें, वक्त के साथ जालसाजों ने बदली अपनी मोडस ऑपरेंडी - Dainik Bhaskar

लगातार बढ़ रही सायबर फ्रॉड की शिकायतें, वक्त के साथ जालसाजों ने बदली अपनी मोडस ऑपरेंडी

राजधानी समेत प्रदेशभर में पैर पसारते सायबर क्राइम को रोक पाने में पुलिस अब भी नाकाम है। हालांकि वक्त के साथ लोग सतर्क हुए तो जालसाजों ने भी नए-नए तरीके अपना लिए। भोपाल सायबर क्राइम पुलिस के हत्थे चढ़े कुछ जालसाजों ने पूछताछ में वो तरीके बताए जिन्हें उन्होंने वक्त के साथ बदल लिया है।

यानी पहले ओटीपी शब्द का इस्तेमाल करना उनके लिए आसान था, लेकिन जब लोग इसे समझने लगे तो उन्होंने इस शब्द की जगह वेरिफिकेशन कोड कहना शुरू कर दिया। आइए समझते हैं क्या हैं वो बारीकियां और इनसे कैसे बच सकते हैं।

भोपाल पुलिस के हत्थे चढ़े जालसाजों ने बताईं धोखे की बारीकियां, इन्हें समझें और सायबर फ्रॉड से बचें

1. शब्दकोश से ओटीपी डिलीट

बैंक अफसर बनकर हजारों लोगों को झांसे में लेने वाले जालसाज अब बातचीत के दौरान वेरिफिकेशन कोड मांगने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ओटीपी कहते ही अब लोग सजग हो जाते हैं। भोपाल सायबर क्राइम पुलिस की गिरफ्त में आए जामताड़ा निवासी इमरान अंसारी ने ये बारीकी पुलिस के सामने बयां की। बताया कि बातचीत में लोगों से 6 डिजिट का वेरिफिकेशन कोड मांगने पर दांव सटीक बैठता है।

फैक्ट- रोज ऐसी 7-8 शिकायतें आती हैं।
बचाव- बैंक कभी आपके खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारी और वेरिफिकेशन कोड नहीं पूछता है।

2. प्ले स्टोर से डाउनलोडिंग बंद

मिरर एप की मदद से आपके फोन में जालसाजों द्वारा एक्सेस करने के भोपाल में हजारों मामले सामने आ चुके हैं। इसके लिए जालसाज कॉल कर पहले प्ले स्टोर से मिरर एप यानी एनिडेस्क जैसी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाते थे। इसे लोग समझने लगे तो उन्होंने मिरर एप के लिए डॉक फाइल या फॉर्म लिंक भेजना शुरू कर दी है। देवघर निवासी अफजल अंसारी ने ये बारीकी पुलिस की पूछताछ में बताई।

फैक्ट- रोज ऐसी 6-7 शिकायतें आती हैं।
बचाव- अनजान व्यक्ति द्वारा डाउनलोड करवाई जा रही अननोन एप्लीकेशन या लिंक पर क्लिक न करें।

3. दस्तावेज से कोई मतलब नहीं

इंस्टेंट लोन एप से लोन देने वाले जालसाज आधार कार्ड और पैनकार्ड की कॉपी भी व्हाट्सएप के जरिए मांगते हैं। नोएडा से पकड़े गए जालसाज कपिल ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि इन दस्तावेजों का कोई मतलब नहीं रहता है। ऐसा केवल लोगों को भरोसे में लेने के लिए किया जाता है। वो आपके फोन का एक्सेस भी ले लेते हैं और कॉन्टैक्ट लिस्ट खुद सेव कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते हैं।

फैक्ट- रोज ऐसी 8-9 शिकायतें आती हैं।
बचाव- कोई भी पर्सनल लोन या किसी अन्य तरह का लोन केवल आरबीआई से रजिस्टर्ड बैंक से ही लें

फ्रॉड हुआ तो यहां करें कॉल

यदि आपके साथ सायबर फ्रॉड हो गया है तो फौरन इसकी सूचना नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें। भोपाल निवासी होने पर भोपाल सायबर क्राइम पुलिस हेल्पलाइन नंबर 9479990636 पर भी शिकायत कर सकते हैं।
-श्रुतकीर्ति सोमवंशी, डीसीपी, क्राइम ब्रांच

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ