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65 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे:आज GIS से मध्यप्रदेश को मिलेगी एशिया की सबसे बड़ी कैप्सूल बनाने वाली कंपनी

प्रवासी भारतीय के बाद अब उद्योगपति खोलेंगे दिल के दरवाजे। - Dainik Bhaskar

प्रवासी भारतीय के बाद अब उद्योगपति खोलेंगे दिल के दरवाजे।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनिया में रहने वाले भारतीयों के बाद अब बुधवार से प्रदेश की 7वीं दो दिनी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट (जीआईएस) शुरू होगी। यह समिट ड्रग-फार्मा इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक साबित होगी, क्योंकि पीथमपुर में कैप्सूल बनाने वाली कंपनी एसोसिएट ग्रुप बड़ा निवेश करने जा रही है।

इस निवेश के साथ ही ये कंपनी कैप्सूल बनाने वाली दुनिया की दूसरी और एशिया की पहली कंपनी बन जाएगी। इस ग्रुप ने 450 से 500 करोड़ के निवेश का भरोसा दिया है। अभी कैप्सूल बनाने वाली दुनिया सबसे बड़ी कंपनी अेरिका की कैपसूजेल है।

एसीजी पीथमपुर में अपना विस्तार करेगी, जिससे सभी देशों में कैप्सूल निर्यात होगा। जीआईएस में शामिल होने के लिए इस ग्रुप का सबसे बड़ा 450 लोगों का ग्रुप इंदौर पहुंच चुका है। इनसे करीब 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश का इंटेंट टू इन्वेस्ट संभावित है।

बड़े ऑफर- 1 रु. वर्ग मी. में जमीन, 4 रुपए किलोवाट में बिजली

मध्यप्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए निवेशकों को बड़ा ऑफर भी मिलने वाला है। इसमें एक रुपए स्क्वायर मीटर पर जमीन और 20 रु. स्क्वायर मीटर डेवलपमेंट चार्ज होगा। इसके साथ ही 4 रुपए 36 पैसे किलोवाट में ऊर्जा और 25 रु. किलो लीटर पानी भी मिलेगा।

निवेशकों से पार्क के मेंटेनेंस के लिए सिर्फ 8 रु. प्रति वर्ग मीटर सालाना शुल्क लिया जाएगा। वेयरहाउस फीस भी सालाना 90 रु. प्रति वर्गमीटर लगेगी। इसी तरह 40% तक निवेश प्रोत्साहन अनुदान भी डिवाइस पार्कों में प्रस्तावित है। साफ है कि मध्य प्रदेश अब देश के लिए दवाओं का बड़ा स्थान होगा। शेष | पेज 11 पर

ड्रग-फार्मा निवेश के लिए 4 जोन बनाए
देश की दवा बनाने वाली 10 बड़ी कंपनियों में छह कंपनियां इस समय मध्यप्रदेश में उत्पादन कर रही हैं। इनमें सिपला, सन फार्मा, नायलॉन और टोरेंट जैसे ग्रुप शामिल हैं। समिट के बाद होने वाले निवेश से मध्य प्रदेश दवाओं के मामले में एक बड़ा डेस्टिनेशन बन जाएगा। उद्योग विभाग ने मध्यप्रदेश में ड्रग और फार्मा में निवेश के लिए 4 जोन बना दिए हैं।

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