Header Ads Widget

Responsive Advertisement

विवाह पंचमी आज:श्रीराम और सीता जी की सीख: पति को भी पत्नी के कामों में मदद करनी चाहिए

आज (28 नवंबर) विवाह पंचमी यानी श्रीराम और सीता के विवाह की तिथि है। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण वनवास में थे, उस समय की एक घटना है। इस घटना में श्रीराम ने संदेश दिया है कि पति को भी पत्नी के कामों में मदद करनी चाहिए, ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।

श्रीराम, सीता और लक्ष्मण का वनवास चल रहा था। वनवास के समय में सीता जी का एक नियम था। सीता जी रोज सुबह सुंदर-सुंदर फूल वन में से लेकर आतीं और श्रीराम का श्रृंगार करती थीं। देवी सीता श्रीराम को पति के साथ ही परमात्मा का स्वरूप भी मानती थीं।

एक दिन सीता जी ने देखा कि जो काम रोज वह खुद करती हैं, आज श्रीराम स्वयं कर रहे हैं। उस दिन श्रीराम वन से कुछ सुंदर फूल लेकर आए और उनसे आभूषण बनाकर सीता जी को पहना दिए।

ये देखकर सीता जी हैरान हो गईं। उन्होंने श्रीराम से पूछा कि आज आपने मेरा काम क्यों किया?

श्रीराम ने उस समय सीता जी से जो कहा था, वह बात आज भी पति-पत्नी के बीच प्रेम बनाए रखने का मूलमंत्र है। श्रीराम ने सीता जी से कहा था कि वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी दोनों एक समान होते हैं। पति-पत्नी के काम अलग-अलग रहते हैं, लेकिन कभी-कभी पति को पत्नी के कामों में मदद करनी चाहिए। पति को ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि मैं पुरुष हूं, इसलिए पत्नी के काम नहीं करूंगा। जब पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे को महत्व देंगे, एक समान मानेंगे तो आपसी प्रेम बना रहेगा।

श्रीराम की सीख

इस किस्से में श्रीराम ने सीख दी है कि अगर कोई महिला घर के काम कर रही है तो पति को भी कभी-कभी घर के कामों में मदद करनी चाहिए। ऐसा करने से दोनों के बीच आपसी प्रेम और सम्मान बना रहता है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ