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8 नवंबर को चंद्र ग्रहण, कहीं पूर्ण-कहीं आंशिक:शाम 4.23 बजे सबसे पहले ईटानगर में दिखेगा, 6.19 बजे खत्म होगा ग्रहण

8 नवंबर (मंगलवार) को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। भारत की पूर्व दिशा के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में शाम 4.23 बजे से पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा। चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण भी दिखने लगेगा। इस कारण देश में सूतक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।

उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त के मुताबिक चंद्र ग्रहण की शुरुआत भारत में दोपहर 2.38 बजे हो जाएगी। देश के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। जहां पूर्ण ग्रहण रहेगा, वहां चंद्रमा लाल दिखाई देगा।

www.timeanddate.com वेबसाइट के मुताबिक न्यूयॉर्क में 8 नवंबर को वहां के समय अनुसार तड़के 3.02 से ग्रहण शुरू होगा, सुबह 5.16 से पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा और सुबह 6.41 चंद्र ग्रहण के साथ ही अस्त हो जाएगा। इस समय भारत में दोपहर के 4.11 बज रहे होंगे। इसके बाद भारत में चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखना शुरू हो जाएगा।

कार्तिक महीने में दिवाली पर हो चुका है सूर्य ग्रहण

कार्तिक अमावस्या (25 अक्टूबर) को सूर्य ग्रहण हुआ था। इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा (8 नवंबर) पर चंद्र ग्रहण हो रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचाराध्याय में लिखा है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते हैं। एक महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है। सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं।

देव दिवाली का दीपदान 7 नवंबर को

7 नवंबर की शाम करीब 5 बजे से कार्तिक पूर्णिमा शुरू हो रही है, जो कि 8 नवंबर की शाम तक रहेगी। जब चंद्र ग्रहण खत्म होगा, तब पूर्णिमा तिथि भी खत्म हो जाएगी। काशी विद्वत परिषद के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा का दीपदान सोमवार को करना शुभ रहेगा। बनारस में गंगा नदी के किनारे इसी दिन दीपदान किया जाएगा। मंगलवार की सुबह नदी स्नान किया जा सकता है। अगर दान-पुण्य करना चाहते हैं तो 8 नवंबर को पूरे दिन कर सकते हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास और पं. मनीष शर्मा का कहना है कि 7 नवंबर की शाम को दीपदान, 8 नवंबर की सुबह नदी स्नान और शाम को चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद भी दीपदान किया जा सकता है।

देश-विदेश में कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण

नासा की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पेसिफिक, अमेरिका में दिखाई देगा। कुछ जगहों पर चंद्र ग्रहण पूर्ण रहेगा, कुछ जगहों पर आंशिक और कुछ जगहों पर मांद्य चंद्र ग्रहण दिखेगा।

अगले साल कब-कब दिखेगा चंद्र ग्रहण

8 नवंबर के बाद 2023 में 5 मई को मांद्य और 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। ये दोनों ग्रहण भारत में दिखेंगे। मांद्य चंद्र ग्रहण का सूतक नहीं रहता है।

चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर असर

पं. मनीष शर्मा के मुताबिक मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु, मकर, कुंभ, मीन के लिए समय शुभ रहने वाला है। इन लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान मिल सकता है और आय में बढ़ोतरी हो सकती है। मेष, वृष, कन्या और वृश्चिक राशि के लोगों को मेहनत का फल आसानी से नहीं मिल पाएगा। छोटी सी लापरवाही भी बड़ा नुकसान करा सकती है। सतर्क रहना होगा।

चंद्र ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता

जब राहु सूर्य या चंद्र को ग्रसता है यानी निगलता है, तब ग्रहण होता है। इस संबंध में प्रचलित कथा के मुताबिक पुराने समय में देवताओं और दानवों ने एक साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। मंथन के अंत में अमृत निकला। देवता और दानव दोनों ही अमृत पीकर अमर होना चाहते थे। उस समय भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी अवतार लिया था।

मोहिनी देवताओं को अमृत पिला रही थी। उसी समय राहु देवताओं के बीच भेष बदलकर बैठ गया और उसने भी अमृत पी लिया। सूर्य-चंद्र ने राहु को पहचान लिया था और विष्णु जी को राहु की सच्चाई बता दी। भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया।

राहु अमृत पी चुका था, इस वजह से वह मरा नहीं। राहु के दो हिस्से हो गए। एक हिस्सा राहु और दूसरा हिस्सा केतु के नाम से जाना जाता है।

राहु की शिकायत सूर्य-चंद्र ने की थी, इस वजह से राहु इन दोनों को दुश्मन मानता है और समय-समय पर इन दोनों ग्रहों को ग्रसता है, जिसे ग्रहण कहते हैं।

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