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सरकारी व्यवस्था से हारे खिलाड़ी:आयोजन के लिए 1 करोड़ रुपए का खेल शुल्क, फिर भी 160 खिलाड़ियों को नहीं मिला नाश्ता और रात का भोजन

शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में इंदौर संभाग के 160 खिलाड़ियों को नाश्ता और रात का भोजन स्पर्धा स्थल पर नहीं मिला। - Dainik Bhaskar

शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में इंदौर संभाग के 160 खिलाड़ियों को नाश्ता और रात का भोजन स्पर्धा स्थल पर नहीं मिला।

शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में इंदौर संभाग के 160 खिलाड़ियों को नाश्ता और रात का भोजन स्पर्धा स्थल पर नहीं मिला। मिनी गोल्फ, कराते और रोल बॉल की चार दिन चली स्पर्धा में 12 संभाग के 1350 खिलाड़ी पहुंचे थे। चूंकि मेजबान इंदौर संभाग था, इसलिए इंदौर संभाग के खिलाड़ियों के दोनों समय के भोजन और सुबह के नाश्ता की जिम्मेदारी भी इंदौर की थी।

खिलाड़ियों ने शिकायत की कि उन्हें सुबह का नाश्ता और रात का खाना स्पर्धा स्थल पर नहीं दिया। न ही शासन की तरफ से मिलने वाला 100 रुपए प्रति खिलाड़ी फंड मिला। चारों दिन केवल दोपहर का खाना मिला, लेकिन शाम के समय बोल दिया कि मल्हाराश्रम मेस में भोजन की व्यवस्था है, वहां जाएं।

स्पर्धाएं कनकेश्वरी स्कूल और भारतीय एकेडमी नंदानगर में थीं। खिलाड़ियों का कहना है कि 8 किलोमीटर दूर रात का भोजन करने कैसे जाते। शुभारंभ और समापन दोनों ही दिन खिलाड़ियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। समापन के दिन विधानसभा क्षेत्र 2 के नेताओं ने नाश्ते में फल दिए।

किट के नाम पर केवल टी-शर्ट दी

जिला शिक्षा अधिकारी के पास प्राइवेट स्कूलों से 1 करोड़ से अधिक खेल शुल्क प्राप्त हुआ। संभागीय शिक्षा विभाग को 12 लाख रुपए खेल शुल्क मिला। इतना खेल शुल्क मिलने के बाद भी खिलाड़ियों को किट के नाम पर सिर्फ टी शर्ट दी गई।

  • 18 से 21 नवंबर तक स्पर्धा चली
  • 12 संभाग के 1350 खिलाड़ी शामिल हुए
  • 160 खिलाड़ी इंदौर संभाग के, इनमें 140 इंदौर शहर के
  • 100 रुपए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी फंड भी नहीं दिया

"सभी खिलाड़ियों के लिए आवास स्थल पर भोजन की व्यवस्था थी, लेकिन खिलाड़ी वहां न जाकर घर चले जाते थे। खिलाड़ियों को उनके हिस्से का फंड देने की बात भी कही तो उन्होंने कह दिया कि 100 रुपए में भोजन कैसे करेंगे।"
- घनश्याम करोले, जिला खेल अधिकारी

"राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में भोजन की व्यवस्था संबंधित संभाग के कोच और मैनेजर को करना होती है। उसके लिए शासन से प्रत्येक खिलाड़ी के लिए फंड मिलता है। इंदौर संभाग के खिलाड़ियों को भोजन और नाश्ता नहीं मिलने की शिकायत अभी तक मुझे नहीं मिली है।"
- मंगलेश व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी

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