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ऐसा है महाकाल लोक:पार्किंग से महाकाल मंदिर तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे, हर घंटे 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे

महाकाल लोक की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए करीब 10 तरह की रोशनी वाली 7 हजार से ज्यादा लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। इनमेें लिनियर वाॅल वाशर, मोनोक्रोमेटिक, फ्लड, स्टेप, ग्राउंड, पोस्ट लेंटर्न, आर्किटेक्चर लेंटर्न, अप-डाउन लाइट्स, कैंडल, कैंपस लाइट्स खास हैं। - Dainik Bhaskar

महाकाल लोक की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए करीब 10 तरह की रोशनी वाली 7 हजार से ज्यादा लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। इनमेें लिनियर वाॅल वाशर, मोनोक्रोमेटिक, फ्लड, स्टेप, ग्राउंड, पोस्ट लेंटर्न, आर्किटेक्चर लेंटर्न, अप-डाउन लाइट्स, कैंडल, कैंपस लाइट्स खास हैं।

महाकाल लोक का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इंदौर आकर उज्जैन जाएंगे। लौटते वक्त वे सड़क मार्ग से इंदौर आ सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए इंदौर से उज्जैन के बीच 50 किमी सड़क को 4 दिन में लाइटिंग लगाकर सजा दिया गया है।

प्रधानमंत्री के इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। ‘एमआई 17वी5’ नामक यह मीडियम लिफ्ट एयरक्राफ्ट खासतौर पर वीआईपी ड्यूटी के लिए तैयार और मोडिफाई किया गया है। सोमवार को संभवत: इसकी टेकऑफ और लैंडिंग की रियल टाइम रिहर्सल होगी।

महाकाल लोक का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इंदौर आकर उज्जैन जाएंगे। लौटते वक्त वे सड़क मार्ग से इंदौर आ सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए इंदौर से उज्जैन के बीच 50 किमी सड़क को 4 दिन में लाइटिंग लगाकर सजा दिया गया है। प्रधानमंत्री के इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। ‘एमआई 17वी5’ नामक यह मीडियम लिफ्ट एयरक्राफ्ट खासतौर पर वीआईपी ड्यूटी के लिए तैयार और मोडिफाई किया गया है। सोमवार को संभवत: इसकी टेकऑफ और लैंडिंग की रियल टाइम रिहर्सल होगी।

अगले 50 साल की प्लानिंग- दर्शन के लिए देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर होगा महाकाल

उज्जैन से लौटकर प्रमोद कुमार12 अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले 50 साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के सुविधाजनक और कम समय में दर्शन की मिलेगी। रात में सोने की तरह दमकने वाले कॉरिडोर में सुंदरता के साथ आम श्रद्धालुओं को शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहार के लिए दर्शन की ऐसी बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में नहीं है। किसी भी त्योहार पर न तो महाकाल पहुंचने वाले वाहनों को शहर से दूर रोका जाएगा और न ही कई किमी पैदल चलना होगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे, वहीं एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। व्यवस्था ऐसी होगी कि एक दिन में 10 लाख श्रद्धालु भी पहुंच जाए तो उन्हें दर्शन कराए जा सकते हैं। ये फेस-1 की व्यवस्था है, जिसका उद्घाटन होगा।

सिंहस्थ-2028 की तैयारी भी अभी से शुरू

उज्जैन के चारों ओर पार्किंग बनेगी, डेढ़ किमी पैदल चलकर मेला क्षेत्र में पहुंचा जा सकेगा

फेस-2 की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। इसमें सिंहस्थ को ध्यान में रखकर प्लान किया गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर, रतलाम, देवास, मक्सी जैसे किसी भी शहर से उज्जैन आने पर िसंहस्थ मेले के डेढ़ किमी नजदीक गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए न तो कई किमी पैदल चलना होगा और न ही किसी पास की जरूरत होगी। इस डेढ़ किमी क्षेत्र में भी तिरुपति की तरह बैटरी वाली सरकारी गाड़ियां चलेंगी। 30 सितंबर 2023 तक महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2500 गाड़ियों की पार्किंग तैयार हो जाएगी, वहीं सिंहस्थ को लेकर 7 हजार गाड़ियों की स्थाई पार्किंग व्यवस्था नदी के किनारे ही बनाई जा रही है। इसके लिए क्षिप्रा किनारे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

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