Header Ads Widget

Responsive Advertisement

अपनी जांच खुद कर लेती थी नकली SDM...:क्राइम ब्रांच ने ली घर की तलाशी, कम्प्यूटर-दस्तावेज जब्त, मुहर बनवाने वाले की तलाश

इंदौर में दो दिन पहले गिरफ्तार हुई नकली महिला एसडीएम से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ शुरू कर दी है। खुद को एसडीएम बताने वाली नीलम पाराशर के घर पर शुक्रवार को क्राइम ब्रांच की टीमें पहुंचीं। यहां से उन्होंने दस्तावेज और बैंक की डिटेल बरामद किए हैं।

नकली एसडीएम भोपाल व सागर में पहले भी दो बार पकड़ी जा चुकी है। इसके बाद उसने अपना ठिकाना इंदौर बना लिया था। पुलिस ने बताया कि नीलम दस्तावेज खुद कम्प्यूटर से तैयार कर लेती है। प्रशासनिक अधिकारी की मुहर भी लगाती है। अफसर अब मुहर बनाने वाले की तलाश में जुटे हैं।

राज्यपाल का लेटर लिखकर दबाव-प्रभाव बनाने की कोशिश
क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ी नीलम पाराशर अपनी जांच खुद ही कर लेती थी। पुलिस के मुताबिक नीलम ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल के नाम से नकली लेटर बनाया था। पुलिसकर्मियों को यह लेटर बताकर प्रभाव जमाने लगी थी। इसके बाद वह तेजाजी नगर इलाके में आकर रहने लगी। यहां आकर वह राऊ व उसके आसपास के इलाकों में ठगी करने के लिए सक्रिय हो गई।

गार्ड अपनी नियुक्ति का नकली लेटर लेकर पहुंचा तो खुली पोल
नकली एसडीएम नीलम पाराशर ने बेरोजगार से नौकरी देने के नाम पर दो लाख रुपए लिए थे। उसे कलेक्टर मनीषसिंह के नाम से फर्जी सील-साइन कर लेटर जारी किया। नीलम ने युवक को एडीएम अजयदेव शर्मा के गार्ड के रूप में नियुक्ति देने की बात लिखी थी। जब यह लेटर लेकर जब एडीएम कार्यालय पहुंचा तो वहां लेटर की हकीकत पता चली। पुलिस ने बताया कि उस वक्त मामले की गोपनीय जांच की गई थी, लेकिन नीलम तक नहीं पहुंच पाए थे। गुरूवार को नीलम के पकड़ाने के बाद पैसा देने वाले युवक योगेश को बुलाकर केस दर्ज कराया है।

गार्ड को कलेक्टर के नाम से जारी किया था फर्जी नियुक्ति पत्र।
गार्ड को कलेक्टर के नाम से जारी किया था फर्जी नियुक्ति पत्र।

मिसरोद में पकड़ाई तो माफीनामा लिखकर छूटी
भोपाल के मिसरोद में राज्यपाल मंगू भाई के एक कार्यक्रम में नीलम का गार्ड सोमित्र मल्होत्रा पकड़ाया था। यहां पकड़ाने के बाद उसने एक लिखित माफीनामा दिया था। पुलिस ने यहां दबाव के चलते छोड़ा था बाद में उसकी सायबर और क्राइम ब्रांच ने जांच की थी। इन अधिकारियों को धमकाने के लिए ही नीलम ने राज्यपाल मंगू भाई का लेटर टाइप करवाकर उसे वरिष्ठ अधिकारियों को मेल करवा दिया था।

इस बिना नंबर की गाड़ी में घूमती थी नीलम पाराशर।
इस बिना नंबर की गाड़ी में घूमती थी नीलम पाराशर।

जीएसटी वालों से कहकर दुकान सील करवा दूंगी
गौतमपुरा से साड़ियां लेकर नीलम दुकानदार प्रमिला के रुपए नहीं दे रही थी। प्रमिला ने पुलिस से इसकी लिखित शिकायत की थी। पुलिसकर्मियों ने दुकानदार से कहा कि मैडम से समझौता कर लो। नीलम को यह बात पता चली उसने जीएसटी का कहकर दुकान सील करवाने की धमकी दी। कपड़ा व्यापारी प्रमिला ने खोजबीन की तो पता चला कि नीलम पाराशर नाम की कोई महिला एसडीएम इंदौर में है ही नहीं।

सागर की रहने वाले शिशुरंजन स्कूल से की पढ़ाई, पति की तलाश शुरू
नीलम पाराशर मूल रूप से सागर की रहने वाली है। यहां उसने शिशु रंजन स्कूल से पढ़ाई की थी। यहां से भोपाल आ गई। कुछ सिविल परीक्षा की तैयारी भी की। लेकिन चयन नहीं हुआ। तेजाजी नगर इलाके के शिखरजी नगर में जिस बंगले पर रहती थी। वहां सुबह से ही घर से निकल जाती थी। आसपास के लोग भी उसे अधिकारी समझते थे। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक पति और उसके दो साथियों की तलाश की जा रही है। उनसे भी पूछताछ की जाएगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ