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मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना:काेविड के बाद अनाथ हुए सभी बच्चों के लिए शुरू होगी मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, सर्वे शुरू

फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो
  • आर्थिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक और चिकित्सा सहायता मिलेगी
  • 18 साल या उससे कम आयु के बच्चों के लिए बनाई ऑफ्टर केयर और स्पॉन्सरशिप योजना

अब प्रदेश के बच्चों के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना शुरू की है। योजना मुख्य रूप से अनाथ बच्चों के लिए होगी। इन बच्चों को आर्थिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक सहयोग भी राज्य सरकार के माध्यम से मिलेगा। कोविड में पालकों के निधन के बाद बच्चों की स्थिति को देखते हुए यह योजना अलग से घोषित की गई है। इसमें वे बच्चे जिनके माता-पिता का देहांत किसी भी कारण से हुआ है और वह बाल देखरेख संस्था या अपने संबंधियों के साथ रहते हैं, उन सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा।

इससे पहले आर्थिक सहायता का लाभ केवल उन बच्चों को ही मिलता था, जिनके अभिभावकों की मौत कोविड के कारण हुई थी। महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक डॉ. संध्या व्यास ने बताया कि इस योजना को लेकर जिले में सर्वे शुरू कर दिया है। इस योजना को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें ऑफ्टर केयर और स्पॉन्सरशिप योजना शामिल है। ऑफ्टर केयर में वे बच्चे जो बाल संरक्षण संस्थाओं से 18 वर्ष के बाद निकलते हैं, उन्हें प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता का लाभ मिलेगा। वहीं स्पॉन्सरशिप में वे बच्चे जो 18 वर्ष से कम आयु के हैं और अपने संबंधियों के साथ रहे हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य उन बच्चों की समाज में पुनर्स्थापना करना है, जो अपने अभिभावकों की कमी कारण आर्थिक और शैक्षणिक समस्या से जूझ रहे हैं।

ऑफ्टर केयर योजना- इंटर्नशिप तक मिलेंगे 5 हजार रुपए प्रतिमाह

योजना में वे बच्चे पात्र होंगे, जो बाल संरक्षण संस्थाओं में 18 साल की आयु के बाद आगामी जीवनयापन के लिए निकलते हैं। उन बच्चों को औद्योगिक संस्थान, प्रतिष्ठान या प्रतिष्ठित संस्थाओं में इंटर्नशिप करवाकर उसी संस्थान में रोजगार दिलवाया जाएगा। इस दौरान उन्हें एक साल या इंटर्नशिप की अवधि तक 5 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म का व्यावसायिक प्रशिक्षण संबंधित विभाग द्वारा नि:शुल्क दिया जाएगा। इस दौरान भी 5 हजार रुपए प्रति माह दिए जाएंगे, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि या दो वर्ष तक मान्य होगी। जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना चाहेंगे, उन्हें 5 से 8 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा।

स्पॉन्सरशिप योजना- आर्थिक के साथ चिकित्सा सहायता भी मिलेगी

योजना से उन लोगों पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, जो अपने साथ सगे-संबंधियों के बच्चों को भी उचित सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन सभी बच्चों को 4 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो उनके रिश्तेदार या संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा होगी। यह सहायता 1 साल तक दी जाएगी। यदि बच्चे या परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार नहीं होता है तो इस अवधि को आगे बढ़ाया जाएगा। यह राशि केवल 18 वर्ष तक ही दी जाएगी। चिकित्सा सहायता के लिए इन सभी बच्चों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा।

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