राज्य सरकार ने इसी साल जून में घोषणा की थी कि प्रदेश में माफिया और गुंडों से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के आशियाने बनेंगे। अब इस योजना का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। सरकार इस 21 हजार एकड़ जमीन पर गरीबों के लिए स्वराज योजना ला रही है। इसमें फ्लैट, डूप्लेक्स, प्लॉट भी मिलेंगे। कवर्ड कैंपस भी बनाए जाएंगे, लेकिन बड़ी बात ये कि ये मकान फ्री नहीं मिलेंगे, इसके लिए खरीदार को आंशिक कीमत देनी होगी।
हालांकि ये कीमत कितनी होगी, ये अभी तय होना बाकी है, लेकिन नगरीय आवास एवं विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह कीमत करीब 20% ही होगी। यानी 10 लाख का मकान है तो खरीदार को सिर्फ 2 लाख रु. देने होंगे। इसकी अंतिम कीमत प्रोजेक्ट और लोकेशन के हिसाब से तय की जाएगी।
ऐसा होगा प्रोजेक्ट
डेवलपर्स कर सकेंगे कमर्शियल उपयोग
- ड्राफ्ट के मुताबिक माफिया से मुक्त जमीन पर कलेक्टर प्रोजेक्ट की वायबिलिटी जांचेंगे। यदि प्रोजेक्ट बेहतर लोकेशन पर है तो डेवलपर्स से ऑफर बुलाए जाएंगे।
- इसमें ऑफर के तहत गरीबों के मकान बनाने के बदले उसी जमीन का कुछ हिस्सा कमर्शियल उपयोग के लिए मिल जाएगा। इस राशि से वह लागत निकालेगा।
- इसमें सीधे तौर पर सब्सिडी नहीं मिलेगी, बल्कि हितग्राही को कुछ राशि देने की बाध्यता होगी।
18 हजार करोड़ रु. की जमीन माफिया मुक्त, मकान किसे देना है, ये कलेक्टर तय करेंगे
प्रदेश में पिछले दो साल में सरकार ने माफियाओं से 21502 एकड़ जमीन मुक्त कराई है। इसका बाजार मूल्य 18146 करोड़ रुपए है। नई योजना में हितग्राहियों से लेकर एजेंसी और डेवलपर्स के चयन आदि को लेकर गाइडलाइन बनाई गई है। इसमें हितग्राहियों का चयन करने का अधिकार कलेक्टर के पास रहेगा। अभी योजना का ड्राफ्ट मंजूरी के लिए सीनियर सेक्रेटरी की कमेटी के पास जाएगा। ये कमेटी पात्र हितग्राही की स्क्रूटनी भी करेगी।
पीएम आवास योजना से भी सस्ते होंगे घर
इस स्कीम में सब्सिडी नहीं होने पर भी प्रदेश में सबसे सस्ते मकान मिलेंगे। अभी प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सब्सिडी पर मकान बनाने के लिए खुद की जमीन लगती है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में ऐसा नहीं होगा। इसमें जमीन माफिया के कब्जे से मुक्त कराई होगी। ऐसे समझ सकते हैं कि केवल कुछ अंशदान देना होगा। छोटे शहर में मकान मिलेंगे, जबकि बड़े शहर में फ्लैट मिल जाएंगे। ड्राफ्ट को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है।
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