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गाद से घटी गहराई:57 साल में 25 अरब 88 करोड़ लीटर घटी बड़े तालाब की क्षमता, अब समुद्र से गाद निकालने वाली ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन करेगी सफाई

यदि यह गाद निकल जाए तो फुल टेंक लेवल तक भरने के बाद तालाब में कम से कम ढाई साल तक का पानी आ सकता है - Dainik Bhaskar

यदि यह गाद निकल जाए तो फुल टेंक लेवल तक भरने के बाद तालाब में कम से कम ढाई साल तक का पानी आ सकता है

जुुलाई के महीने में हुई बारिश से बड़ा तालाब लबालब जरूर हो गया , लेकिन तालाब में अभी सिर्फ 75.72 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी है, जबकि 1965 में भदभदा के गेट लगाते समय तालाब की क्षमता 101.60 एमसीएम (101 अरब 60 करोड़ लीटर) थी। यानी 57 साल में तालाब में जमी गाद से 25.88 एमसीएम (25 अरब 88 करोड़ लीटर) क्षमता कम हो गई।

यदि यह गाद निकल जाए तो फुल टेंक लेवल तक भरने के बाद तालाब में कम से कम ढाई साल तक का पानी आ सकता है। अब नगर निगम समुद्र से गाद निकालने वाले विशाखापट्‌टनम की ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन से तालाब की गाद निकालने में सहयोग लेगा। बड़े तालाब की औसत गहराई 3.16 मीटर है और कमला पार्क के आसपास सबसे ज्यादा 11.64 मीटर है। कम गहराई के क्षेत्र में 36 वर्ग किमी तक पानी फैला होने से ही इसे वेटलैंड का दर्जा मिला था।

3 साल पहले निकाली थी 15 हजार डंपर मिट्‌टी

तीन साल पहले बड़े तालाब में चले गहरीकरण अभियान में लगभग 15 हजार डंपर मिट्‌टी निकाली गई थी, वह भी सिर्फ भदभदा और सीहोर नाके के पास से। लेकिन, तालाब के बीच में जहां ज्यादा गहराई है, वहां से कई बरसों से गाद नहीं निकाली गई।

यह है असली वजह

कैचमेंट की मिट्‌टी गाद में बदल रही है

नवाबकाल में बड़े तालाब की क्षमता 38.51 एमसीएम थी। 1965 में भदभदा डैम बनाने और उस पर गेट लगाने के बाद यह क्षमता बढ़कर 101.60 एमसीएम हो गई, यानी तालाब की क्षमता में ढाई गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ। 1980 तक बड़े तालाब में 5.67 एमसीएम गाद जमा हो चुकी थी। 2015 में बड़े तालाब का मास्टर प्लान बनाने के लिए रिपोर्ट तैयार करने वाले सेप्ट, अहमदाबाद के प्रो. शाश्वत बंदोपाध्याय बताते हैं कि बड़े तालाब में उसके कैचमेंट एरिया से आने वाली मिट्टी गाद में बदल रही है। कैचमेंट एरिया में मिट्टी का कटाव तेजी से हो रहा है और यह मिट्टी पानी के साथ तालाब में आ जाती है। इसकी सही स्थिति जानने के लिए हर 5 साल में लेक बेथीमेट्री सर्वे कराया जाना चाहिए।

हम यह काम विशेषज्ञों के माध्यम से करना चाहते हैं

बड़ा तालाब एक रामसर साइट है। इसके संरक्षण के लिए गाद निकालना जरूरी है, लेकिन हम यह काम विशेषज्ञों के माध्यम से करना चाहते हैं। हम झील संरक्षण प्राधिकरण और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन से संपर्क करेंगे। इसमें एक मुद्दा केवल गहराई का हो सकता है। समुद्र की गहराई बहुत अधिक होती है, जबकि तालाब उथला होता है।
-वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम

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