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कोरोना संक्रमण:एक्टिव मरीज 786 हुए, लेकिन राहत यह कि इनमें गंभीर कोई नहीं

एक दिन पहले जिस युवती की कोरोना से मौत हुई, उसे दूसरी बीमारी भी थी। - Dainik Bhaskar

एक दिन पहले जिस युवती की कोरोना से मौत हुई, उसे दूसरी बीमारी भी थी।

कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। एमआर टीबी अस्पताल में कोविड के 7-8 मरीज भर्ती हैं। यह संख्या बीते एक सप्ताह में बढ़ी है। आठ अस्पतालों में 25 मरीज इलाज करवा रहे हैं।

एक्टिव मरीजों की संख्या 786 है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। गंभीर मरीज सामने नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को कोरोना संक्रमण के कारण 27 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी। मरीज को अन्य बीमारी भी थी।

ब्रोंकाइटिस के केस ज्यादा आ रहे

चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. सलिल भार्गव कहते हैं इस बार सर्दी-खांसी व गला खराब हो रहा है। ब्रोंकाइटिस की पहचान हो रही है। इस बार निमोनिया ज्यादा नहीं है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। यदि कोविड की आशंका लगती है तो जांच करवाकर आइसोलेट हो जाएं। भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।

4 माह से नहीं आई स्ट्रेन की रिपोर्ट​​​​

हाल ही में संभागायुक्त डाॅ. पवन शर्मा ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण को लेकर बैठक ली। इसमें नए वैरिएंट और प्रिकॉशन डोज को लेकर बात की गई। नए वैरिएंट को लेकर चिंता भी जताई, लेकिन 4 माह से रिपोर्ट ही नहीं मिली है। स्ट्रेन की जांच के लिए सैंपल भेजे जा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल रही।

अन्य इन्फेक्शन में भी रिपोर्ट आ रही पॉजिटिव : विशेषज्ञ

बदलते मौसम के चलते बच्चे भी बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। ओपीडी दोगुनी हो गई है। कोरोना संक्रमितों की सूची में बच्चे भी हैं। चाचा नेहरू अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्भय मेहता कहते हैं कि वायरल बुखार के बच्चों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ी है। मई की तुलना में ओपीडी दोगुनी हो गई है। बुखार, दस्त, पीलिया के मरीज ज्यादा हैं। टायफाइड की जांच का सवाल है तो यह अन्य इन्फेक्शन में भी पॉजिटिव आ जाती है।

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