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ये हैं रिश्वतखोर:भ्रष्टाचार के नौजवान चेहरे; 4 साल पहले पटवारी बना, 10 हजार रिश्वत लेते पकड़ाया

पटवारी दीपक मिश्रा। - Dainik Bhaskar

पटवारी दीपक मिश्रा।

महज 29 साल की उम्र और चार साल पहले पटवारी बने व्यक्ति को लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। जमीन का नामांतरण करने के एवज में वह रिश्वत मांग रहा था। रंग लगे नोट हाथ में लेते ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ा।

धर्मेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने एमजी रोड पर मोती बंगला स्थित लोकायुक्त संगठन के कार्यालय में शिकायत की थी कि पटवारी दीपक मिश्रा 0.506 आरे जमीन का नामांतरण नहीं कर रहा है। वकील के माध्यम से तमाम दस्तावेज भी पेश कर दिए, लेकिन उसने साफ शब्दों में कह दिया 10 हजार मिले बिना नामांतरण नहीं करूंगा।

इस पर डीएसपी आनंद यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। धर्मेंद्र ने पटवारी से कहा कि वह 10 हजार रुपए देने को तैयार है। पटवारी सबसे पहले हातोद स्थित तहसील कार्यालय पर पहुंचा। दफ्तर के बाहर से धर्मेंद्र को फोन लगाकर कहा कि मैं दफ्तर के आगे वाले चौराहे पर खड़ा हूं। यहीं पर आ जाओ। धर्मेंद्र ने जैसे ही रंग लगे नोट मिश्रा को दिए उसे वहीं धरदबोचा। उसके खिलाफ रिश्वत मांगने, रंगेहाथ पकड़े जाने पर केस दर्ज किया है।

‘तुम्हारे पेपर तैयार कर लिए हैं, इंतजार करो, फिर काम करते हैं’

फरियादी धर्मेंद्र सिंह ने बताया पटवारी की शिकायत मैंने जून में ही कर दी थी। पटवारी मुझसे कहता था कि पेपर तो मैंने तैयार कर लिए हैं, पर अभी मेरी ड्यूटी नगर निगम चुनाव में लगी हुई है, बहुत व्यस्त हूं, तुमको बुला भी नहीं सकता और पैसे भी नहीं ले सकता। थोड़े दिन इंतजार करो। चुनाव के बाद तुम्हारा काम करते हैं।

फरवरी से आवेदन लेकर घूम रहा था, 2 हजार दे चुका था
फरियादी ने बताया इस काम के लिए वह चार महीने से आवेदन लेकर घूम रहा था। पहले तो वह कहता रहा कि जिनके नाम की जमीन है, उन्हीं को आना होगा। मैंने कहा कि वे मेरी मां हैं और बुजुर्ग हैं। उनका कलेक्टर ऑफिस आना संभव नहीं है। फिर भी वह सुनने को तैयार नहीं था। रिश्वत के दो हजार रुपए तो पहले भी ले चुका था।

इधर, आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत लेने वाले एमआईजी थाने के दोनों आरक्षक सस्पेंड

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने एमआईजी थाने के दोनों आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया, जो आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांग रहे थे। कपिल टेटवाल नामक व्यक्ति को छोड़ने के एवज में आरक्षक श्याम जाट और नीरेंद्र दांगी एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। चूंकि थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, इसलिए श्याम जाट थाने से दूर गया। वहां कपिल की पत्नी टीना को बुलाया।

रिश्वत की पहली किस्त के 15 हजार रुपए उसने हाथ में लेने के बजाए बाइक में लगे बैग में रखवा लिए और वहां से चला गया। इस वजह से उसे रंगेहाथ पकड़ा नहीं जा सका। जिस जगह रिश्वत ली वहां पर भी सीसीटीवी कैमरे लगे थे। रिश्वत बैग में रखवाते हुए रिकॉर्ड हो गया।

रिश्वतखोरी के इस मामले में आरक्षक नीरेंद्र भी शामिल था। इस वजह से उसे भी सस्पेंड कर दिया। वहीं शिकायत के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर राम शाक्य (38) को भी सस्पेंड कर दिया। इस संबंध में राम शाक्य का कहना है प्रकरण की जांच मैं कर रहा था, लेकिन मंगलवार को शाम तक मैं कोर्ट में था। अधीनस्थों की हरकत के बारे में मुझे कुछ नहीं पता। निलंबन के खिलाफ मैं कोर्ट जाऊंगा।

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