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बृहस्पति ग्रह होगा वक्री:29 जुलाई सभी 12 राशियों पर बदलेगा गुरु ग्रह का असर, मिथुन और सिंह राशि के लिए शुभ रहेगा समय

शुक्रवार, 29 जुलाई से  गुरु यानी बृहस्पति ग्रह वक्री हो रहा है। ये ग्रह अभी खुद के स्वामित्व वाली मीन राशि में है। 29 जुलाई से 24 नवंबर तक गुरु वक्री रहेगा, इसके बाद मार्गी हो जाएगा। इस तरह गुर ग्रह 118 दिनों तक मीन राशि में वक्री रहने वाला है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक गुरु की चाल बदलने का असर सभी 12 राशियों पर होगा। जानिए मेष से मीन राशि तक सभी 12 राशियों के लिए आने वाला समय कैसा रह सकता है...

मेष- द्वादश गुरु वक्री होने से पुराने नुकसान की भरपाई कराएगा। साथ ही जो असफलताएं मिली हैं, उन कार्यो को फिर से सफल बनाने का प्रयास करेगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। नई योजनाएं सफल होंगी और धनलाभ होगा।

वृषभ- वक्री गुरु एकादश है, लाभ देने की स्थिति में है। गुरु के वक्री होने से सफलता मिल सकती है। कारोबार की नई योजनाएं बनेंगी और धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा।

मिथुन-गुरु दशम है। वक्री होने से अनुकूल रहेगा। गुरु के वक्री होने से फायदा देने वाली स्थितियां बन सकती हैं। योजनाएं सफल होंगी, नौकरी में नए पद की प्राप्ति संभव है।

कर्क- गुरु की पूर्ण पंचम दृष्टि राशि पर बनी हुई है, गुरु के वक्री होने से उसका प्रभाव कम हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। कारोबार में सावधानी रखें। वाहन प्रयोग में भी सावधान रहें।

सिंह- आठवां गुरु वक्री होने से राहत मिलेगी। गुरु का प्रभाव कम होने से परेशानियों का अंत होगा। कामकाज मे तेजी आएगी। न्यायालयीन मामलों में विजय प्राप्त होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे।

कन्या- गुरु की पूर्ण सप्तम दृष्टि और वक्री होने से विश्वास की कमी हो सकती है। आय का स्रोत बना रहेगा। बाधाएं उत्पन्न होंगी, सहयोग करने वाले पीछे हटेंगे। कार्य स्थल पर भी विवाद संभव है। परिवार से सहयोग मिलता रहेंगा।

तुला- षष्ठम गुरु वक्री होने से राशि पर ज्यादा नेगेटिव प्रभाव नहीं पड़ेगा। काम तेजी के साथ हो पाएंगे। परिवार और साझेदार सहयोग प्रदान करेंगे। अधिकारी भी अनुकूल बने रहेंगे। यात्रा का योग हैं। वाहन प्रयोग में सावधानी रखना होगी।

वृश्चिक- गुरु की नवम दृष्टि राशि पर है। गुरु के वक्री होने से उसका प्रभाव कुछ कम हो सकता है। ये समय गलतियां सुधारने का है। निकट के कुछ लोगों को आप भूल गए हैं, उनसे मिलें और रिश्ता फिर से स्थापित कीजिए।

धनु- इस राशि से गुरु चतुर्थ भाव में है, जो मुश्किलें खडी कर रहा था, लेकिन गुरु के वक्री होने से इस राशि को फायदा होने की संभावनाएं बन रही हैं। लाभदायक योग बनेंगे और नुकसान की भरपाई करने सफल रहेंगे।

मकर- तृतीय गुरु अनुकूल है, वक्री होने के बाद भी लाभदायक ही रहेगा। राहत रहेगी, नए कार्यों की प्राप्ति होगी। नई जगहों पर जाने को मिलेगा। रिश्तेदारों से मुलाकात होगी।

कुंभ- द्वितीय गुरु बेहतर फल देने वाला रहेगा। कुंवारों को विवाह प्रस्ताव की प्राप्ति होगी, अटके धन की प्राप्ति होगी। नए कारोबार में भी रूचि हो सकती है। साझेदारों और मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। टूटी दोस्ती फिर से स्थापित होगी।

मीन- राशि में वक्री गुरु रहेगा जो कि नुकसानदायक नहीं है। धर्म कर्म में व्यय होने की संभावना रहेगी। कार्य में मन लगेगा और सफलताएं मिलती रहेंगी। नया मकान खरीदने का मन बन सकता है।



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