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विचार हल्के से रखें, लोगों की निजता का सम्मान करें

 

  • किताबों से जानिये कि क्यों खुला नजरिया रखना जरूरी है और क्यों जब आप दुखी हों, परेशान हों, गुस्सा हों तो खुद से प्रश्न करें कि आखिर आप दुखी क्यों हैं ?

जीवन में लाभ चाहते हैं तो पहले कीमत चुकाइए

वह कीमत तय कीजिए जो आप अपने लक्ष्य को हासिल करने कि लिए चुका सकते हैं। उन सभी बातों की एक सूची बनाइए जो आपको अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए करना पड़ेंगी। ज्यादा मेहनत करनी होगी, ज्ञान बढ़ाना होगा। कुछ पाने के लिए कुछ देना होगा। लाभ की कीमत पहले चुकानी होगी। (विनिंग द वॉर इन यॉर माइंड)

उसकी चिंता क्यों करें जिसे बदल नहीं सकते

तनाव का पहला प्रमुख कारण है चिंता। चिंता, डर का ही रूप है। शोध बताते हैं कि चिंता शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम करती है। कुछ लोग हर समय चिंता करते हैं। इससे बीमारियों की आशंका बढ़ती है। लोग उन चीजों की चिंता करते हैं जो कभी हुई ही नहीं या उनकी जिन्हें बदला नहीं जा सकता। (द लॉज़ ऑफ ह्यूमन नेचर)

खुला नज़रिया रखेंगे तभी लोग आपको सुनेंगे

अगर आप अपने विचारों को हल्के से व्यक्त करते हैं और यह संकेत देते हैं कि आप गलत हो सकते हैं, तो आपकी बात सुनना दूसरों के लिए आसान होगा। अगर आप खुला नजरिया रखते हैं, तो लोग आपके प्रति ज्यादा खुलेंगे। अच्छी बातचीत के लिए अपने साथ दूसरों की निजता का भी सम्मान करें। (द पावर ऑफ लिसनिंग)

खुश रहने का फैसला लेंगे तो दुखी नहीं होंगे

जब आप दुखी हों, परेशान हों, गुस्सा हों तो खुद से प्रश्न करें कि आखिर आप दुखी क्यों हैं? नाराज क्यों हैं, गुस्से में क्यों हैं, परेशान क्यों हैं? ख़ुशी एक अंदरूनी प्रेरणा है। हम सभी को इसे अपने अंदर खोजना चाहिए। जिस दिन आप खुश रहने का फैसला कर लेंगे उस दिन से आप कभी दुखी नहीं होंगे। (द हाउ ऑफ हैपिनेस)

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