डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती उत्सवी वातावरण में अपार उत्साह, श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाई गई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचतीर्थ के प्रमुख स्थानों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा से जोड़ने तथा श्रद्धालुओं के लिये धर्मशाला बनाने की घोषणा भी की
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बाबा साहब अम्बेडकर के बताए मार्गों व सिद्धांतों पर चलकर हो रहा है शासन का संचालन
इंदौर 14 अप्रैल 2022
संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती आज उनकी जन्मस्थली अम्बेडकर नगर महू में पूर्ण श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाई गई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके जन्म स्थली पर बने भव्य स्मारक में पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मारक पर बनी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, धार एवं महू के सांसद श्री छतर सिंह दरबार, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कविता पाटीदार, विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक डॉ. राजेश सोनकर, भन्ते श्री सुमित बोधि, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, डीआईजी श्री चंद्रशेखर सोलंकी सहित जनप्रतिनिधिगण,अधिकारीगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मारक स्थल पर बाबा साहब के अस्थि कलश के दर्शन किए और पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से जुड़े पंचतीर्थ के प्रमुख स्थानों को तीर्थ दर्शन यात्रा से जोड़ा जाएगा। श्रद्धालुओं को राज्य शासन के खर्च पर इन तीर्थों की नि:शुल्क यात्रा ट्रेन के माध्यम से करायी जायेगी। यात्रियों के लिये भोजन, भ्रमण और ठहरने आदि का सभी खर्च राज्य शासन द्वारा उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर नगर महू में बने जन्म स्मारक में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यथोचित स्थान पर धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को राजस्व भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के बताए मार्गों व सिद्धांतों पर चलकर शासन का संचालन किया जा रहा है। समाज के वंचित वर्ग को सामान्य स्तर पर लाने में कोई कोर कसर नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा फर्ज है कि हम सामाजिक न्याय और समरसता पर चलकर एक बेहतर शासन व्यवस्था दें। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समरसता एक मूल मंत्र है। हमारा प्रयास है कि समाज के सभी वर्गों को न्याय मिले और समरसता का समाज में वातावरण रहे। उन्होंने कहा कि समाज में जो अंतिम छोर पर है वह हमारे लिए पहले हैं। श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का मूल मंत्र दिया था। इस मूल मंत्र को आत्मसात कर हम उनके सपनों को साकार कर सकते हैं। उनके बताए मार्ग पर चलकर सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है। हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। समतामूलक समाज की स्थापना की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर नगर महू पवित्र भूमि है। यहाँ से डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर, टंट्या मामा सहित अन्य विभूतियों का जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के आदर्शों और सिद्धांतों पर हमें चलना होगा। उनके आदर्श और सिद्धान्त पर चलकर बुद्धिमान तथा ज्ञानवान बनकर हम राष्ट्रहित के अधिक से अधिक कार्य करें। संगठित रहें। मेहनत और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र विकास में भागीदार बनें। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्मारक समिति के सचिव श्री राजेश वानखेड़े ने स्वागत भाषण दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया भोजन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धालुओं के लिए की गई भोजन व्यवस्था में शामिल होकर ख़ुद भी दोपहर का भोजन किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर के चरणों से धन्य उनकी जन्मस्थली अम्बेडकर नगर की पवित्र धरती पर रोटी ग्रहण करने का आज सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अप्रतिम भूमि पर मानो भोजन स्वयंमेव ही विशिष्ट बन गया, जिससे मन में सेवा का पुण्य भाव और प्रबल हुआ। सेवा ही जीवन का ध्येय है।
व्यवस्थाओं को मिली व्यापक सराहना
डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर की जन्म स्थली पर आने वाले श्रद्धालुओं और भन्तों के लिए की गई व्यवस्थाओं को व्यापक सराहना मिली है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन की सराहना की, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने भी शासन और प्रशासन के प्रति मेहमाननवाजी के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के पश्चात पहली बार जन्मस्थली पर इतना बड़ा आयोजन है। इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने बेहतर व्यवस्था की है। इसके लिए उन्होंने धन्यवाद दिया। इसी तरह मध्यप्रदेश के अन्य जिलों और महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं ने भी व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। नागपुर से आये श्री बालचन्द्र नाईक ने बताया कि वे अपने 12 साथियों के साथ बाबा साहब की जन्मस्थली पर नमन करने आये हैं। वे पहली बार यहाँ पहुंचे। इतना भव्य स्मारक बनेगा, उन्हें कल्पना नहीं थी। श्रद्धालुओं के लिये की गई व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा कि अब लग रहा है कि हमने बाबा साहब के कर्ज को उतार दिया है। इसी तरह अकोला से आये सुनील सिरसाट, अनिता, आम्रपाली और विजय खाड़े ने भी व्यवस्थाओं को सराहा और कहा कि वे कल रात अम्बेडकर नगर पहुंचे। यहाँ आने के साथ ही ठहरने, खाने और शुद्ध तथा शीतल पेयजल की बेहतर व्यवस्था मिली। हमने यह सोचा भी नहीं था कि मेहमानों की तरह हमारी आवभगत होगी। व्यवस्थाओं से हम अभिभूत हैं। इसी तरह अमरावती जिले से आये सिद्धार्थ पाटिल, प्रगति चवरे तथा प्रदीप उके भी संतुष्ट दिखाई दिये। उन्होंने भी व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। इंदौर के वेटनरी कॉलेज में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों, बरेली उत्तर प्रदेश की डॉ. साक्षी सिंह, खरगोन की डॉ. अनिता भटनागर और छिंदवाड़ा के डॉ. लोकेश पगारे का कहना था कि इतना सुंदर और भव्य स्मारक हमने पहली बार देखा है। व्यवस्थाएं भी बेहतर हैं।
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