Header Ads Widget

Responsive Advertisement

दुर्लभ शनि योग:29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन और अगले दिन शनैश्चरी अमावस्या, पिछले सौ सालों में नहीं बना ऐसा शुभ संयोग

 

अप्रैल में दुर्लभ शनि योगबन रहा है। जिससे कई लोगों के लिए ये महीना खास रहेगा। इस महीने शनिवार को हिंदू नववर्ष की शुरुआत हुई थी और शनिवार को ही चैत्र महीना खत्म हुआ। इस नए संवत्सर के राजा शनि देव हैं। जो कि इस महीने 30 साल बाद अपनी ही राशि यानी कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिससे पूरे साल देश-दुनिया और सभी राशियों पर शनि देव का खास असर रहेगा।

शनि का दुर्लभ संयोग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि अप्रैल में पांच शनिवार होने के साथ ही शनि का राशि परिवर्तन होगा। इसके अगले दिन शनैश्चरी अमावस्या पर ये महीना खत्म हो रहा है। ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले सौ सालों में नहीं बना।

शनि का ये योग सभी के लिए शुभ रहेगा। इस ग्रह की चाल में बदलाव का असर सभी राशियों पर रहेगा। इसके अगले दिन अमावस्या पर शनि देव से जुड़े उपाय करने से साढ़ेसाती और ढय्या में राहत मिलेगी। शनैश्चरी अमावस्या पर आंशिक सूर्य ग्रहण भी होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखने से इसका धार्मिक महत्व नहीं रहेगा।

शनि का राशि परिवर्तन (29 अप्रैल, शुक्रवार): इस दिन शनि देव 30 साल बाद फिर से कुंभ राशि में आ रहे हैं। इस राशि के स्वामी खुद शनि ही हैं। इसलिए ये राशि परिवर्तन ज्यादातर लोगों के लिए शुभ रहेगा। शनि के कुंभ राशि में आने से कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर ढय्या रहेगी। वहीं, धनु राशि से साढ़ेसाती उतर जाएगी। अब मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी।

शनैश्चरी अमावस्या (30 अप्रैल, शनिवार): इस दिन शनिवार और अमावस्या का योग होने से शनैश्चरी अमावस्या रहेगी। ये वैशाख महीने की अमावस्या भी होगी। इस दिन तीर्थ स्नान और दान करने की परंपरा ग्रंथों में बताई है। शनैश्चरी अमावस्या पर पीपल में जल चढ़ाने से शनि के अशुभ असर में कमी आ सकती है। साथ ही पितर भी संतुष्ट होते हैं।

साल का पहला सूर्य ग्रहण (30 अप्रैल, शनिवार): वैशाख महीने की शनि अमावस्या पर साल पहला सूर्य ग्रहण रहेगा। ये आंशिक ग्रहण है। लेकिन भारत में नहीं दिखने से यहां इसका धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। ये ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, दक्षिण प्रशांत महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखेगा। इसलिए इन्ही जगहों पर इस सूर्य ग्रहण का असर दिखेगा।

शनि के उपाय
शनिदेव को तेल चढ़ाएं। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काले कपड़े पर उड़द और काले तिल रखकर शनि मंदिर में दान दें। हनुमान जी की पूजा करें और मंदिर में तेल का दीपक लगाएं। इस दिन पानी में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करें। जरुरतमंद लोगों को खाना खिलाएं और जल दान करें। कपड़े, जूते-चप्पल और छाता भी दान कर सकते हैं।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ