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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद 16 लाख लोगों ने शहर छोड़ा

523 वर्ग किलोमीटर में फैली यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर उत्तर पश्चिम और पूर्व दिशा से हजारों रूसी सैनिक बढ़ रहे हैं। उनके पीछे टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों और आर्टिलरी के दस्ते हैं। कीव के भीतर यूक्रेनी सैनिकों और नागरिक स्वयंसेवकों ने कई जगह बैरियर खड़े कर दिए हैं। टैंकभेदी सुरंगें बिछा दी गई हैं। तोपें तैनात हैं। 36 लाख की आबादी के शहर में अब 20 लाख लोग बचे हैं।

युद्ध छिड़ने के बाद पलायन करने वाले लोगों में अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। रूसी सेना के लिए कीव सबसे बड़ी सफलता होगी। लेकिन, फौजी विश्लेषकों का कहना है, बहुत भीषण और खूनी टकराव के बाद ही राजधानी पर कब्जा हो सकेगा। यह पिछले 80 वर्षों में विश्व का सबसे बड़ा शहरी युद्ध हो सकता है। शहरी लड़ाई के विशेषज्ञ आस्ट्रेलियाई सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल डेविड किलकलेन कहते हैं, कीव में हम जैसा कुछ देख रहे हैं, वैसा दूसरे विश्व युद्ध के बाद कभी नहीं देखा है। रूसी नेतृत्व कीव को जीत तो सकता है पर उससे भारी राजनीतिक और आर्थिक नुकसान होगा। संख्या और हथियारों की दृष्टि से ताकतवर रूसी सेना बहुत बड़ी कामयाबी हासिल नहीं कर पाई है। भीतर इलाकों में उसकी मौजूदगी नहीं है।

आसमान पर उसका दबदबा कायम नहींं हो सका है।
शहर के महत्वपूर्ण रास्ते इरपिन उपनगरीय क्षेत्र में छापामार लड़ाई जारी है। यूक्रेनी सेना और स्वयंसेवक छोटी-छोटी संगठित टुकड़ियों में बंटकर हमले करते हैं। उनकी रणनीति है कि सिटी सेंटर पहुंचने से पहले रूसी सेना को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा दिया जाए। शहर के बाहर टैंक रोधी मिसाइल यूनिट की कमांडर लेफ्टिनेंट टेटियाना कोरनोवोल कहती हैं, हमने जैसा सोचा था,उससे बेहतर नतीजे सामने आए हैं। 42 वर्षीय कोरनोवाल 6-7 लोगों की दो टीमों की अगुआई करती हैं। वे अपनी निजी कारों से जाकर हमले करते हैं। उन्होंेने एक रूसी टैंंक को नष्ट करने के लिए लेजर का उपयोग किया था।
रिसर्च इंस्टीट्यूट सीएनए में रूसी अध्ययन के डायरेक्टर माइकेल कॉफमैन का कहना है, रूसी टैंकों का कीव के बाहरी इलाकों में बढ़ना रहस्यमय है। वे इस तरह घात लगाकर किए गए हमलों को न्योता दे रहे हैं। वे सड़कों से होकर तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं जबकि यूक्रेनी सेना उन्हें खेतों, मैदानों में उलझाना चाहती है। कॉफमैन का कहना है, रूसी सेना की गतिविधियों से लगता है कि वे कीव को चारों तरफ से घेरना चाहते हैं।

जल्दी सफलता के लिए रूस को आसमान में प्रभुत्व बनाना होगा। वह अब तक ऐसा नहीं कर पाया है। विश्लेषक कहते हैं, रूस कीव के आकाश पर नियंत्रण करने में नाकाम रहा है। वह शहर के मिसाइल डिफेंस सिस्टम या पश्चिमी यूक्रेन में स्थित गुप्त हवाई पटि्टयों को नष्ट नहीं कर पाया है। यूक्रेनी पायलट राजधानी की रक्षा के लिए इन हवाई पटि्टयों से उड़ान भरते हैं। शहरी युद्ध के विशेषज्ञ किलकिलेन कहते हैं, कीव को पूरी तरह घेरने के बाद रूस शहर में जरूरी सामान की सप्लाई रोककर लोगों को भूखे मार सकता है। वह एक-एक ब्लॉक में हमले की रणनीति भी अपना सकता है। रीचमान यूनिवर्सिटी इजरायल में रूसी सिक्योरिटी नीति के विशेषज्ञ डिमा एडमस्की का कहना है, छापामार हमलों से उपनगरों में यूक्रेन की सफलता के बावजूद रूसी सेना बहुत बड़ा खतरा बनी रहेगी।

शहर के भीतर हमले करने की यूक्रेनी रणनीति

शहरों में यूक्रेन की रणनीति आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम, सैनिकों, नागरिक स्वयंसेवकों और अर्ध सैनिक संगठनों के मेल पर निर्भर है। शहरी वातावरण में छापामार हमले, बारूदी सुरंगें और हल्के हथियारों से लैस चलित टुकड़ियां नियमित सेना का मुकाबला कर रही हैं।

यूक्रेनी सेना ने सड़कों के कोनों पर टैंक भेदी सुरंगें बिछाई हैं। विरोधी सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए इन्हें जल्दी उठाकर दूसरे स्थान पर लगाया जा सकता है। दूसरी ओर कीव के बाहर रूसी टैंकों के लंबे दस्ते छोटे शहरों से होकर आगे बढ़ रहे हैं। वे सड़कों से बहुत कम ही अलग जाते हैं।

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