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इंदौर में दो साल बाद गेर का धमाल:ऐतिहासिक अंदाज में मनेगी रंगपंचमी; अभी रूट को लेकर पेंच, राजबाड़ा पर आधा किमी सड़क खुदी हुई है

मध्यप्रदेश में 2 साल बाद इस बार फिर होली पर रंग -गुलाल उड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि आने वाले दिनों में महाशिवरात्रि का पर्व है। इसे खूब धूमधाम और उमंग के साथ मनाएं। होली और रंगपंचमी भी खूब खेलें, गेर निकालें और भरपूर आनंद लें। CM सांवेर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनकी इस घोषणा के साथ ही इंदौर में रंगपंचमी पर निकलने वाली ऐतिहासिक गेर को लेकर हलचल शुरू हो गई है। बता दें कि इंदौर में कोरोना के कारण दो साल से रंगपंचमी पर गेर नहीं निकल सकी थी।

गेर के मार्ग को लेकर चुनौती

सीएम शिवराज सिंह की घोषणा के बाद संभव है कि राज्य शासन जल्द ही रंगपंचमी की गेर को लेकर आदेश और गाइड लाइन जारी करेगा। लेकिन इंदौर में रंगपंचमी की गेर प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दरअसल इसके रूट पर पेंच फंस गया है। क्योंकि पारंपरिक रूट के मुताबिक गेर राजबाड़ा से होकर निकलती है। यहां करीब 3 किलोमीटर के रूट पर आधा किलोमीटर का हिस्सा खुदा हुआ है। 22 मार्च को रंगपंचमी है, जिसमें अब केवल 23 दिन बचे हैं। ऐसे में 23 दिनों में मार्ग का काम पूरा करना चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए नगर निगम को दिन-रात काम करना होगा या अस्थाई सड़क तैयार करनी होगी। वैकल्पिक मार्ग संवेदनशील क्षेत्र में होने से वहां से निकालने का विचार नहीं है।

वैसे मुख्यमंत्री की घोषणा के एक हफ्ते पहले से ही कोरोना संक्रमितों की तेजी से कम हुई संख्या से रंगपंचमी की गेर निकालने को लेकर माहौल बनने लगा था। मामले में कलेक्टर मनीष सिंह भी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि कोरोना का ग्राफ तेजी से नीचे जा रहा है और वैक्सीनेशन भी लगभग हो चुका है। ऐसे में अभी होली-रंगपंचमी पर प्रतिबंध का विचार नहीं है। मामले में राज्य शासन के जो भी निर्देश आएंगे उनका पालन किया जाएगा।

वैकल्पिक मार्ग संवेदनशील
9 दशकों से गेर का पारंपरिक रूट कैलाश मार्ग, दलिया पट्‌टी, टोरी कॉर्नर, एमजी रोड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, इमाम बाड़ा, बड़ा सराफा, सांटा बाजार, सीतलामाता बाजार, हुकुमचंद मार्ग होते हुए मल्हारगंज तक रहता है। जबकि हिन्द रक्षक फाग यात्रा नृसिंह बाजार से शुरू होकर सीतलामाता बाजार होते हुए गेर में शामिल होती है। अभी टोरी कॉर्नर और खजूरी बाजार मार्ग के एक बड़े हिस्से का आधा किमी का मार्ग खुदा पड़ा है। वैकल्पिक मार्ग के रूप में स्मृति टॉकीज वाला मार्ग और जवाहर मार्ग है, लेकिन इन दोनों मार्ग से जुड़े अधिकांश क्षेत्र संवेदनशील हैं, इसके चलते इस मार्ग से निकालने का विचार नहीं है।

भाईचारा बना रहे इसलिए परंपरा जरूरी

टोरी कॉर्नर गेर आयोजक शेखर गिरी, संगम कॉर्नर के कमलेश खंडेलवाल, हिन्द रक्षक फाग यात्रा के आयोजक एकलव्य सिंह गौड़ सहित अन्य आयोजकों की इस बार पूरी तैयारी है। टोरी कॉर्नर गेर के आयोजक शेखर गिरी ने बताया कि इस बार पूरे जोश-खरोश के साथ गेर निकालने की तैयारी है। दो साल में गेर नहीं निकालने से लोगों में रंग-गुलाल का महत्व कम हो गया। हम चाहते हैं कि वह भाईचारा बने रहे।

होलकर काल से चल रही परंपरा

होलकर काल में लोग होलकर शासकों के महल राजबाड़ा पर होली खेलने आते थे। शहरवासी यहां पर आकर राजा महाराजाओं की होली देखते थे। कुछ लोग यहां पर इनकी होली में भी शामिल होते थे। तभी से यहां पर होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। होलकर काल से ही रंगपंचमी पर गेर निकालने की परंपरा भी शुरू हुई थी। गेर पूरे राजबाड़ा के आसपास परिक्रमा करके महल के सामने गुजरती थी। बाद में भी यही रिवाज चलता रहा और धीरे-धीरे पूरा शहर इस गेर में शामिल होने लगा।

गेर की खासियत

गेर में शामिल लोगों पर गुलाल व कई तरह के रंग उड़ाए जाते हैं। टैंकर और फायर ब्रिगेड के वाहनों से गीला रंग लोगों पर फेंका जाता है। आसपास के रहवासियों के घरों पर भी रंग-गुलाल उड़ाए जाते हैं। गेर में सुगंधित रंगों का भी उपयोग किया जाता है जिससे उत्साह दोगुना हो जाता है। आसपास के रहवासी भी बिल्डिंगों से रंग फेंकते हैं और करीब 6 घंटे से ज्यादा समय तक गेर का आनंद लिया जाता है।

ये समितियां निकालती हैं गेर

संगम कार्नर चल समारोह समिति : संगम कॉर्नर की परंपरागत सद्भावना गेर 64 साल से निकल रही है। इसमें पानी मिसाइल द्वारा 200 फीट ऊपर से बरसाया जाता है।
टोरी काॅर्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति : टोरी कॉर्नर की गेर 73 सालों ने निकल रही है। यात्रा टोरी कार्नर से शुरू होकर राजबाड़ा पहुंचेगी। स्वचलित मिसाइलों से 70 फीट की ऊंचाई तक रंग फेंका जाता है।
फाग यात्रा : हिंद रक्षक संगठन द्वारा रंगपंचमी पर राधाकृष्ण फाग यात्रा निकाली जाएगी। 1998 से जारी यह यात्रा धार्मिक स्वरूप में ही निकलेगी। यात्रा में टेसू के फूलों से तैयार 1 हजार किलो सूखे हर्बल रंग का प्रयोग होगा।
माधव फाग यात्रा : माधव फाग यात्रा पिछले 15 सालों से निकाली जा रही है। यह यात्रा जबरन कॉलोनी से प्रारंभ होकर गाड़ी अड्‌डा, जवाहर मार्ग, पंढरीनाथ, हरसिद्धी पहुंचेगी।

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