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MP के 3 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार:उमा का उदाहरण देकर बोले प्रधानमंत्री, MP की मिट्टी में कुछ ऐसा है कि विद्वान बचपन में ही तैयार हो जाते हैं

मध्यप्रदेश के तीन बच्चों को सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। इन बच्चों में हरदा के अनुज जैन, अनूपपुर की बनीता दास और इंदौर के अवि शर्मा हैं। बनीता दास ने नासा स्पेस फाउंडेशन और अंतर्राष्ट्रीय खगोल शाखा के मिशन में एक क्षुद्र ग्रह की खोज की है। अनुज जैन को ये सम्मान शैक्षणिक क्षेत्र के लिए दिया गया है। इंदौर के अवि शर्मा देशभर के 120 विद्यार्थियों को वैदिक गणित पढ़ाते हैं। अवि ने बाल रामायण भी लिखी है। इसमें संपूर्ण रामायण से कुछ खास बातों को लिया गया है। इसमें हिंदी के 250 छंदों को शामिल किया गया है।

PM ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार विजेताओं से बातचीत की। 'राष्‍ट्रीय बालिका दिवस' और 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में PM बच्‍चों से वर्चुअली मुखातिब हुए। अवि शर्मा से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि आप तो लेखक हैं, बालमुखी रामायण लिखी है। इतना काम कैसे कर पाते हैं। बचपन बचा है कि वो भी खत्म हो गया है? जवाब में अवि ने कहा- उन्‍हें पौराणिक कथाओं से प्रेरणा मिलती है।

पीएम ने सुनाया उमा भारती के बचपन का किस्सा
PM ने भाजपा नेता उमा भारती के बचपन का किस्‍सा सुनाया। उन्होंने बताया- 40-45 साल पहले, उमा गुजरात में व्‍याख्‍यान देने आई थीं। मंच पर उन्‍हें देखकर मुझे लगा कि मध्‍यप्रदेश की जमीन में ही कुछ ऐसा है कि यहां विद्वान बचपन में ही तैयार हो जाते हैं। जानिए प्रदेश के बाल पुरस्कार विजेताओं को...

लेफ्ट टू राइट - अनुज जैन, बनीता दास और अवि शर्मा।
लेफ्ट टू राइट - अनुज जैन, बनीता दास और अवि शर्मा।

मोटिवेशनल स्पीकर हैं अवि
इंदौर के 12 साल के अवि शर्मा 7वीं क्लास के स्टूडेंट हैं। अवि मोटिवेशनल स्पीकर हैं। वह 120 छात्रों को वैदिक गणित पढ़ाते हैं। इसके साथ ही अवि ने आवाज से चलने वाला कम्प्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है। बालमुखी रामायण की प्रति अवि ने पीएम मोदी को भी भेजी है। अवि की मां विनिता और उनके पिता अमित शर्मा हमेशा साथ देते हैं। अवि ने इतनी छोटी उम्र में कई उपलब्धियां हासिल की है। इसके साथ ही अवि को राष्ट्रीय सायबर ओलंपियाड और अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड में जोनल पदक मिल चुके हैं।

बनीता ने खोजा था क्षुद्र ग्रह
अनूपपुर की बनीता को बचपन से ही विज्ञान में दिलचस्पी है। वह अभी अमरकंटक जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा हैं। बनीता ने नासा द्वारा स्पेस फाउंडेशन और अंतरराष्ट्रीय खगोल शाला द्वारा मिशन 2021 जनवरी में एक क्षुद्र ग्रह की खोज की थी। इस क्षुद्र ग्रह का नाम उनके ही नाम पर रखा जाएगा। बनीता दास की इस उपलब्धि से उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का नाम रोशन करने का मौका मिला।

कैलिफोर्निया में पढ़ रहे अनुज
अनुज अभी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से पढ़ाई कर रहे हैं। वह वहां मैथ्स विद कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं। अनुज ने हरदा के सेंट मैरी स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद अनुज कोटा चले गए थे, फिर कैलिफोर्निया। अनुज ने वीडियो संदेश में कहा कि वह PM मोदी के मंत्र विनम्रता और संकल्प के रास्ते पर चलकर आगे की पढ़ाई कर रहे हैं।

किसे मिलता है सम्मान?
सरकार ने इस साल 29 बच्‍चों को राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार-2022 के लिए चुना है। विजेताओं को 'ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी' का इस्‍तेमाल कर डिजिटल सर्टिफिकेट्स दिए गए। हर साल प्रधानमंत्री यह पुरस्‍कार पाने वाले बच्‍चों से नई दिल्‍ली में मिलते हैं, मगर कोविड-19 के चलते इस बार ऐसा नहीं हो सका। समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला, संस्कृति और वीरता के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिए जाते हैं। 5 साल से ज्‍यादा और 18 साल से कम उम्र वाले बच्‍चों को यह पुरस्‍कार दिए जाते हैं। हर विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और सर्टिफिकेट दिया जाता है।

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